विशेष संवाददाता
उत्तर प्रदेश पुलिस का अमानवीय चेहरा हापुड़ जिले में देखने को मिला, जहां प्रवासी मजदूरों को पुलिस ने तपती धूप में सड़क पर लोटने की सजा दी। ये प्रवासी मजदूर पटरियों के किनारे-किनारे होते हुए अपने गांव की तरफ पैदल जा रहे थे। कोतवाली नगर क्षेत्र के चमड़ी फाटक पर रेल की पटरी के किनारे गश्त करती पुलिस ने इन्हें पकड़ा तो देखा कि प्रवासी मजदूरों ने मास्क भी नहीं पहना था। लिहाजा पुलिसकर्मियों ने उन्हें सजा के तौर पर सड़क पर लोटने को कहा।
पुलिसकर्मियों द्वारा इस तरह की सजा देने का मामला जब पता चला तो यूपी पुलिस ने भी दोनों कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की। रेलवे फाटक की पटरियों पर दो युवकों से तपती धूप में जमीन पर परिक्रमा कराने वाला एक पुलिसकर्मी सिपाही तो दूसरा होमगार्ड है।
कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने ले लिए लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों के लिए मुसीबतों का सबब बन गया है। सरकार के दावों के बावजूद प्रवासी मजदूरों के पैदल, साइकिल और अपने दूसरे साधनों से मीलों लंबा सफर तय कर रहे हैं। कुछ दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, कुछ बॉर्डरों पर रोक लिए जा रहे हैं तो कुछ रास्तों पर ही सजाएं झेल रहे हैं।