नगर प्रतिनिधि
वाराणसी। शहर की प्रतिष्ठित संस्था राजस्थान ब्राह्मण मंडल ने कोराना महामारी के संकट के बीच लागू लॉकडाउन में 35 दिन तक लगातार जरूरतमंदों का पेट भरने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान 11 हजार से ज्यादा लोगों को भोजन बांटा गया, ताकि शहर का कोई भी जरूरतमंद भूखा न सोये। सेवा के अंतिम दिन रविवार को मंडल की ओर से उन सभी महिलाओं, पुरुषों और किशोर कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने इस नेक काम के लिए पूरी लगन और निष्ठा के साथ अपना कीमती समय दिया।
संस्था के मंत्री वेदमूर्ति शास्त्री ने बताया कि ब्राह्मण मंडल ने 5 अप्रैल से सेवा शुरू की थी, जो कि 9 मई तक लगातार जारी रही। इस दौरान जरूरतमंदों को कभी मकुनी-चोखा तो कभी इडली-चटनी बांटी गई। इसके अलावा कभी छोला-भटूरा तो कभी स्वाद बदलने के लिए दाल-चावल या फिर शाही पनीर और कचौड़ी बांटी गई। इतना ही नहीं हमने विशेष अवसरों पर दिलकुसार की बर्फी, गुलाब जामुन, बूंदिया, जलेबी और जलेबा भी बनवाया।
35 दिन की सेवा में मंडल के सदस्यों ने तन-मन-धन से योगदान दिया। किसी ने आर्थिक मदद दी तो किसी ने सामग्री के रूप में अपना योगदान दिया। मंडल के मनोज पंचलंगिया ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भोजन बांटने में करीब दो लाख से ज्यादा का खर्च आया। इसमें से अकेले 1.60 लाख रूपए की मदद लोगों ने की।
सेवा के अंतिम दिन रविवार को कार्यकर्ताओं के सम्मान में मंडल के मीरघाट स्थित भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें पांच महिलाओं को साड़ी, छह पुरुषों को दुपट्टा और किशोरों को चॉकलेट देकर सम्मानित किया गया।
जरूरतंदों की सेवा को अंजाम तक पहुंचाने में विजय मिश्र, विशाल गौड़, आशुतोष व्यास, प्रेम मिश्र, राजेश शर्मा(पिंटू), कैलाश मिश्र, मुरारी लाल निर्मल, निशान्त निर्मल, राकेश मिश्र, संजय ढाँचोंलिया, विनय मिश्र, अमित शर्मा, अनूप शर्मा, संजीव शर्मा, हरीश शर्मा, गिरीश शर्मा, सुनील शर्मा, किसन चौधरी, अभिषेक शर्मा, विजयलक्ष्मी, सुनीता, पुनीता, ललिता देवी, रक्षाज्योति का अहम योगदान रहा।