लॉकडाउन Lockdon के बीच चलाई गईं special trains स्पेशल ट्रेनों में सवार लोगों से किराए भी वसूले जा रहे हैं। महाराष्ट्र के नासिक से भोपाल पहुंचे प्रवासियों ने बताया कि भोपाल पहुंचने से पहले ही उनसे 305 रुपये के टिकट के एवज में 315-315 रुपये प्रति यात्री वसूल किए गए। मजदूरों ने बताया कि उन्हें कहा गया था कि ये ट्रेन फ्री में उन्हें भोपाल तक पहुंचाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, यात्रियों को बीच ट्रेन में खाना भी परोसा गया था। स्मरणीय है कि लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद राज्य सरकारों के अनुरोध पर रेलवे ने शुक्रवार को देशभर में छह स्पेशल ट्रेनें चलाई थीं। उनमें से एक ये ट्रेन भी शामिल है।
केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश में कहा गया था कि इन छह ट्रेनों के लिए यात्री किराए का खर्च या तो जिस राज्य से प्रवासी जा रहे हैं वहां की सरकार वहन करेगी या तो जिन राज्यों में ये प्रवासी जा रहे हैं, वहां की सरकार करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रेलवे ने इन छह ट्रेनों में स्लीपर क्लास के किराये के अलावा 30 रुपये का सुपर फास्ट चार्ज भी लगाया है। 20 रुपए टिकट के नाम पर भी वसूले गए हैं। इन पैसों के एवज में खाना उपलब्ध कराने की सुविधा भी शामिल है।
शुक्रवार को जिन छह ट्रेनों का परिचालन किया गया उनमें पहली ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली स्टेशन से झारखंड के रांची में हटिया स्टेशन तक चलाई गई। इनके अलावा केरल के अलुवा से ओडिशा के भुवनेश्वर, महाराष्ट्र के नासिक से यूपी के लखनऊ, नासिक से भोपाल, राजस्थान के जयपुर से बिहार के पटना और राजस्थान के कोटा से झारखंड के रांची तक स्पेशल ट्रेन शामिल थी। इन ट्रेनों के सफल संचालन के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि देशभर में इसी तरह की और स्पेशल ट्रेनें लॉकडाउन के दौरान चलाई जा सकती हैं।
इन ट्रेनों में सवार होने से पहले सभा यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई और उन्हें प्रोटेक्टिव गियर्स दिए गए। राज्य सरकार और रेलवे के अधिकारियों ने सभी यात्रियों को एक कोच में अधिकतम 54 यात्रियों को ही बैठने की इजाजत दी ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो सके। यात्रियों को रास्ते के लिए भोजन और पानी भी उपलब्ध कराया गया था। हालांकि, इसके चार्ज भी टिकट में जोड़े गए थे।