सरकार के दावों के विपरीत कोरोना पीड़ितों की तादाद बढ़ रही है। शुक्रवार को जहां 77 की मौत हुई वहीं 1755 नए मामले जुड़ गए। कुल संख्या 35 हजार 447 हो गई है। नौ हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हुए।

शुक्रवार को पंजाब में 105, राजस्थान में 58, तमिलनाडु में 203, बिहार में 25 समेत 500 से ज्यादा रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में 35 हजार 43 संक्रमित हैं। इनमें से 25 हजार 7 का इलाज चल रहा है, 8888 ठीक हुए हैं और 1152 की मौत हुई। सरकार ने लॉक डाउन बढ़ाया तो बुजुर्गों और बीमारों के लिए सभी जोन में पाबंदी लगाए रखी।

कोरोना पर मंत्रालयों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि 15 दिन में पीपीई किट( ppe) जैसे उत्पादों की जांच करने वाली नौ लैब बनाई गई हैं। पहले कोयंबटूर में सिर्फ एक लैब ( lab)थी। 21 लाख पीपीई किट प्राप्त हो चुकी हैं। 25 मार्च तक देश में हर दिन सिर्फ 3312 पीपीई किट का उत्पादन था, लेकिन अब हर दिन एक लाख 86 हजार किट बनाई जा रही हैं। एन-95 मास्क की मांग 2.72 करोड़ है। कुल ऑर्डर 2.49 करोड़ किया गया है। इनमें घरेलू ऑर्डर 1.49 करोड़ है। हर दिन 2.30 लाख मास्क बनाए जा रहे हैं।

कोरोना संक्रमण की जांच में इस्तेमाल होने वाली 35 लाख आरटी-पीसीआर टेस्टिंग किट की जरूरत है। आईसीएमआर ने 21 लाख किट का आर्डर दिया है। घरेलू आर्डर दो लाख है और अभी तक 13.75 लाख किट मिल चुकी हैं। महाराष्ट्र में संक्रमितों का आंकड़ा दस हज़ार से ऊपर चला गया जबकि गुजरात में चार हज़ार से ज्यादा हैं। दिल्ली में 3.5 हज़ार से अधिक संक्रमित हैं।

इन गतिविधियों पर अब भी पाबंदी

लॉक डाउन बढ़ने के बाद केटेगरी के हिसाब से वो क्षेत्र हैं जो प्रतिबंधित और कुछ ढील के साथ चलेंगीं। ये हैं हवाई यात्रा, रेल परिचालन, मेट्रो परिचालन, सड़कों से एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश। स्कूल, कॉलेज और दूसरे शिक्षण संस्थान, ट्रेनिंग/कोचिंग इंस्टिट्यूट। होटल, रेस्त्रां समेत आतिथ्य सेवा के सारे संस्थान। सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसी भीड़भाड़ वाली जगहें। सुबह सात से शाम सात बजे तक लोगों की गैर-जरूरी गतिविधियां, फालतू घूमना-फिरना। सभी जोनों में 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों और डाइबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम्स जैसी समस्याओं से ग्रस्त लोगों, गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को सिर्फ जरूरी काम या स्वास्थ्य जरूरतों के अलावा बाहर निकलना।

देश में इस वक्त 307 जिले ग्रीन जोन में

देश में कुल 739 जिले हैं, जिनमें से 307 अब भी कोरोना से अछूते हैं यानी 40 प्रतिशत से भी ज्यादा। ये 319 जिले ग्रीन जोन्स हैं। तीन मई के बाद इन जिलों में फैक्ट्रियों, दुकानों, छोटे-मोटे उद्योगों समेत ट्रांसपोर्ट और अन्य सेवाओं को भी शर्तों के साथ पूरी तरह खोलने की अनुमति दे दी गई है। जिन जिलों में पिछले 21 दिनों से कोरोना वायरस के संक्रमण का एक भी मामला नहीं आता है, उन्हें ग्रीन जोन घोषित कर दिया जाता है। पहले यह मियाद 28 दिनों की थी जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घटाकर 21 दिन कर दी।

129 जिले रेड जोन में, पूरी दिल्ली भी

देश में 130 जिले रेड जोन्स में हैं यानी वहां कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट्स हैं। पूरी दिल्ली रेड जोन में है। मुंबई, अहमदाबाद, सूरत जैसे बड़े औद्योगिक केंद्र भी रेड जोन्स में हैं, जहां रियायतों की गुंजाइश न के बराबर है। इसके अलावा देश में कई शहर हैं जो रेड जोन में हैं।

आरेंज जोन में 284 जिले

आरेंज जोन में उन जिलों को शामिल किया गया है जहां कोरोना मरीजों की संख्या कम है और वहां संक्रमण फैलने का खतरा भी कम है। चूंकि यहां कोविड-19 मरीज हैं, इसलिए इन्हें ग्रीन जोन में नहीं रखा जा सकता है और खतरा ज्यादा नहीं होने के कारण इन्हें रेड जोन में भी नहीं रखा गया है। यानी, इन्हें बीच के आरेंज जोन में रखा गया है जिन्हें नॉन-हॉटस्पॉट जिला भी कहा जाता है। इस कैटिगरी में अभी 284 जिले हैं।

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