कभी-कभी हमारा तर्क समाज के गले की फांस बनने लगता है। सारे डॉक्टर ( doctor)यह कहते रहें हैं कि सभी उन सैनेेटाईजर से हाथ साफ करना सही होगा जिनमे 70 फीसदी अल्कोहल होगा। इससे कम के सैनेटाजर उपयुक्त नहीं होंगे। अब इसी का सहारा लेते हुए राजस्थान के जनप्रतिनिधियों ने तर्क पेश किए हैं कि अगर हाथ धोने से संक्रमण नहीं होगा तो क्यों नहीं हम शराब पीयें कि गले में संक्रमण ही नहीं होगा और सभी सुरक्षित हो जाएंगे। वे आगे कहते हैं कि असली संक्रमण गले से फैलता है तो हम ऐसा कर गले को महफूज़ कर लें।
सांगोद ( sangod) से कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने कहा कि शराब से काेराेना थमेगा। इसलिए ठेके खाेले जाएं। विधायक भरत सिंह ने ताे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस संबंध में पत्र भी लिखा है, जिसमें शराब के समर्थन में सारे तर्क भी दिए। उधर, लाडपुरा के पूर्व भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत ने भी कहा कि जंग में जीतने के लिए शराब जरूरी है।
विधायक भरत सिंह ने लिखा कि जब अल्काेहल (alchohal ) से हाथों को धाेने पर कोरोना वायरस खत्म हो सकता है तो पीने वाले के गले से वायरस ही साफ हो जाएगा। उन्होंने लिखा कि हाथ से बनी शराब पीकर जान गंवाने से तो अच्छा है कि शराब की दुकानें खोली जाएं। सरकार शराब की दुकानें खोल दे। इससे शराब पीने वालों को शराब मिलेगी और सरकार को राजस्व भी मिलेगा। अकाट्य तर्क पेश करने में एक कदम आगे बढ़ाते हुए पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा, ‘सतयुग में भी देवता सोमरस का पान करते थे। राजा-महाराजा और योद्धा भी इसका सेवन करने के बाद ही दुश्मन को परास्त कर पाते थे। इसीलिए सरकार पुनर्विचार करें। यह वायरस को भी रोकेगा और सरकार को रुका हुआ करोड़ों का राजस्व भी अर्जित होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटका, तंबाकू पर प्रतिबंध जारी रहना चाहिए।