विशेष संवाददाता

 महाराष्ट्र के Palghar पालघर में पिछले दिनों दो साधुओं सहित तीन लोगों को भीड़ द्वारा पीट पीट कर मार दिये जाने की जघन्य वारदात पर National Human Rights Commission राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ( NHRC ) ने संज्ञान लेते हुए पुलिस की मौजूदगी में घटी इस घटना पर महाराष्ट्र के DGP डीजीपी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में विस्तृत जवाब मांगा है।

पीड़ितों के जीवन अधिकार का उल्‍लंघन 

जवाब में पुलिस को बताना होगा कि उसने घटना पर क्या कारर्वाई की है और क्या मृतकों के परिजनों को कोई मदद दी गई है? Mob lynching माब लिंचिंग की यह घटना गत 16 अप्रैल की है। आयोग के नोटिस में कहा गया है कि देश व्यापी lockdown लाकडाउन के दौरान जबकि पुलिस प्रशासन ज्यादा सर्तकता बरत रहा हो, तीन लोगों की इस क्रूर तरीके से हत्या हो जाना पीड़ि‍तों के जीवन के मौलिक अधिकार का उल्‍लंघन है। ये घटना public servant पब्लिक सर्वेन्ट की लापरवाही का संकेत है।

आयोग ने कहा है कि उसे प्राप्त हुई शिकायत व media reports मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मारे जाने वाले सुशील गिरि और कल्पवृक्ष गिरि एक संप्रदाय के साधु थे और वे ड्राइवर के साथ एक अंत्येष्टि में भाग लेने सूरत जा रहे थे । उसी समय बेकाबू भीड़ ने उनके चोर होने के शक में उनकी कार पर हमला किया। उन पर हमले का वीडियो 19 अप्रैल को वायरल हुआ था जिसमें दिख रहा है कि जब उन पर हमला हुआ उस समय पुलिसकर्मी भी वहां मौजूद थे और उन्होंने लाठी डंडों से बुरी तरह पीटे जा रहे साधुओं को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया।

यह भी देखा गया कि मौजूद पुलिसकर्मियो ने उन साधुओं को भीड के हवाले कर दिया था मरने के लिए। उन निर्दयी पुलिस वालों पर भी हत्या का मुकदमा चलना चाहिए।

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