विशेष संवाददाता
पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के मुख्यमंत्रियों की बैठक में लॉक डाउन बढ़ाने पर सभी राज्य सहमत दिखे। प्रधानमंत्री ने सबकी राय सुनने के बाद उन्हें आश्वश्त किया कि सबकी भावनाओं के अनुसार ही फैसला लिया जाएगा । चार घंटे से ज्यादा समय तक चली बैठक में सभी मुख्यमंत्रियो ने अपनी समस्याएं बताईं और राहत पैकेज (packege ) की मांग की। वैसे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीटिंग (meeting ) के बाद ही ट्वीट किया कि पीएम लॉक डाउन बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। बाद में सरकारी सूत्रों ने खंडन किया कि फैसला नही हुआ है। पीएम संभव है कि कुछ अन्य क्षेत्रों से बात कर रास्ता निकालें क्योंकि व्यापारिक जगत की समस्याएं भी हैं।
पंजाब की कांग्रेस सरकार उत्तराखंड की भाजपा, बंगाल की टीएमसी और और ओडिशा की बीजद सरकार तो 30 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला पहले कर चुकी थीं । देर शाम महाराष्ट्र ने भी 30 तक बढ़ाने की घोषणा कर दी।
प्रधानमंत्री ने संबोधन में कहा था कि जान है तो जहान है। इशारा पहले से था। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा- ‘‘मैं 24 घंटे, सातों दिन फोन पर उपलब्ध हूं। कोई भी मुख्यमंत्री कभी भी मुझे सुझाव दे सकता है।’’ उन्होंने कहा- ‘‘जान है तो जहान है। जब मैंने राष्ट्र के नाम संदेश दिया था, तो शुरुआत में इस पर जोर दिया था कि हर नागरिक की जान बचाने के लिए लॉकडाउन ( lockdown)और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत जरूरी है। देश के ज्यादातर लोगों ने बात को समझा और घरों में रहकर दायित्व निभाया। अब भारत के उज्जवल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है। जब देश का प्रत्येक व्यक्ति जान भी और जहान भी, दोनों की चिंता करते हुए अपने दायित्व निभाएगा, सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करेगा, तो कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई और मजबूत होगी।’’
बैठक में सभी मुख्यमंत्री एकमत थे कि लॉक डाउन की अवधि बढ़ाई जाय, क्योकि कोरोना का फैलाव रोकने में यही अकेला तरीका है। इसके अलावा राज्यों ने आर्थिक मदद बढ़ाने की अपील की। पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने राज्य के लिए 500 करोड़ का पैकेज मांगा। सबने अपनी समस्याओं की ओर पीएम का ध्यान दिलाया। कर्नाटक के सीएम येदयुरप्पा ने तीन तरह का लॉक डाउन सुझाया। जिसमें बिकुल सील, लॉक डाउन और कुछ प्रतिबंधों के साथ छूट।