विशेष संवाददाता

देश में संगीत साधकों का प्रति वर्ष अभूतपूर्व संगम तीन स्थानों पर देखने को मिलता है जिनमें सिद्धहस्त शास्त्रीय मर्मज्ञ के साथ साथ नवोदित कलाकार भी यही से मंच पाकर आगे का अपना मार्ग प्रशस्त करते हैं। ग्वालियर का तानसेन,वृन्दावन का स्वामी हरिदास और काशी का संकट मोचन संगीत समारोह। तीनों ही मुक्तान्गन हैं।

ऐसा लग रहा था कि काशी का 96 साल पुराना यह जग प्रसिद्ध संगीत समारोह कोरोना वायरस के चलते लाकडाउन की भेंट चढ़ जाएगा, लेकिन सूचना क्रांति के इस दौर में इसका रास्ता निकल आया।

संगीत समारोह हमेशा की तरह संकट मोचन हनुमान जी की प्रतिमा के चरणों मे नहीं होगा। कलाकार अपने घर से प्रस्तुति देंगे।फेसबुक के माध्यम से और यह संगीतरसिको तक लाइव प्रसारण से पहुंचेगा।

संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो.विश्वम्भर नाथ मिश्र ने बताया कि 12 से 17 अप्रैल तक मंदिर में आयोजित होने वाले संगीत समारोह की तैयारी एक वर्ष से की जाती रही है। कलाकारों की भी लिस्ट बना ली गयी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते इस बार यह समारोह मंदिर प्रांगण से नही हो रहा है। देश विदेश से जुटने वाले कला साधकों की मानें तो यह परंम्परा टूटने नही देंगे। संगीत समारोह डिजिटल होगा। जिन कलाकारों की लिस्ट जारी हो गयी है वो इस बार लाइव कला साधना करेंगे। जो कलाकार जहां हैं वहीं से अपनी प्रस्तुति देंगे। फेसबुक पर इसका लाइव प्रसारण किया जायेगा। अब तक 20 से ज्यादा कलाकारों ने अपनी स्वीकृति दे दी है। जबकि पं.जसराज ने कल रात में अपनी स्वीकृति दी। सभी संगीत रसिको को इसका लिंक जल्द भेज दिया जायेगा। अब तक जिन कलाकारों ने अपनी स्वीकृति प्रदान की है उनमें पंडित जसराज,पं.राजन-साजन, पं. अजय पोहनकर, पं. अजय चक्रवर्ती, उस्ताद राशिद खां, सुश्री कौशिकी चक्रवर्ती, उल्लास कसालकर, वादन में राजेश शिरोमणि, पं. विश्वजीत राय चौधरी, सहित अन्य कलाकार अपनी प्रस्तुति से हनुमत चरण में हाजिरी लगायेंगे।

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