आमतौर पर पुलिसवालों को लेकर लोगों के मन में खौफ बना रहता है। उन्हें लेकर लोगों के मन में नकारात्मक छवि बनी रहती है। लोगों के इस भ्रम को वाराणसी के एक दरोगा ने तोड़ने का काम किया है। कैमरे की चमक-दमक से दूर रहने वाले कालभैरव चौकी प्रभारी हर्ष भदौरिया ने बुधवार को जान हथेली पर लेकर एक परिवार के 9 लोगों की जान बचाई। हर्ष के इस नेक काम पर कोई उन्हें ‘मसीहा’ बता रहा है तो कोई परिवार के लिए ‘फरिश्ता’।
टूट रहा था मकान, निकल रही थी चीखें
कोतवाली थानांतर्गत ब्रह्मचारिणी मन्दिर के पास दुर्गाघाट मोहल्ला है। बेहद संकरी गलियों से होकर इस मोहल्ले में पहुंचा जाता है। इसी मोहल्ले में एक पुराने मकान में प्रहलाद यादव का परिवार रहता है। बुधवार की सुबह बारिश की वजह से मकान का एक हिस्सा गिरने लगा। ये देख परिवार में चीखपुकार मच गई। इसी बीच लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। कुछ देर में ही कालभैरव चौकी प्रभारी हर्ष भदौरिया मौके पर पहुंच गए। उन्होंने क्षेत्र के रहने वाले युवा मनोज यादव के साथ मकान के अंदर से एक-एक कर लोगों को निकालना शुरू कर दिया। हालांकि इस बीच मकान धीरे-धीरे जमींदोज हो रहा था। किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन हर्ष ने अपनी जान की परवाह नहीं की और लोगों को बाहर निकालकर ही दम लिया।
चमक-दमक से रहते हैं दूर
हर्ष भदौरिया की गिनती बनारस के तेजतर्राज दरोगाओं में होती है। पर्यावरणप्रेमी होने के साथ ही वह धार्मिक प्रवृत्ति के भी है। चमक-दमक से दूर रहने वाले हर्ष एक संजिदा इंसान भी हैं। कहते हैं कि जिस थाने में उनकी तैनाती होती है, वो अपराधियों से भी सलीके से पेश आते हैं। वर्दी का रौब झांड़ने के बजाय इंसानियत की मिसाल पेश करते हैं।