नगर प्रतिनिधि

कोरोना अब जबकि काल की शक्ल ले चुका है, शासन प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी अडभंगी
काशी अपनी शहाना सोच बदलने को तैयार नही है तो अब तैयारी है मस्त मौलाओ को दुरुस्त करने का जिनके लिए आपद काल भी मस्ती काल होता है। यहां के लोग ये कहने में गर्व करते हैं, वो बनारस ही क्या जो बदल जाये और वो बनारसी क्या जो टल जाए।

यहां घर मे रहने के आदेश-निर्देश के बावजूद गलियों और मुहल्लों में मजमा लगाकर कानून का मजाक उड़ा रहे हैं तफरीहबाज । गोया यह दंगा या किसी और वजह से लगा कर्फ्यू है। ‘ मामा ‘ को चिढ़ाने के लिए पहले कर्फ्यू का मजाक बनाया जाता था।

लेकिन अब वाराणसी पुलिस ड्रोन कैमरों की मदद से करेगी निगरानी। एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह के अनुसार गली-मोहल्लों में फालतू का मजमा लगाए लोगो को अब ड्रोन कैमरों की मदद से चिन्हित कर महामारी अधिनियम सहित अन्य सुसंगत धाराओ में मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेजा जाएगा।

एसपी सिटी ने तो अपने कर्तव्य को देखा, लेकिन बनारस के लोगों को इस खतरे को समझना होगा कि ये कर्फ्यू का मामला नहीं है जो ‘ माचा’ ( ठेठ बनारसी में घुमक्कड़ी) देने में शान समझते हैं। वक़्त की नजाकत को समझ कर घरों में रहें।

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