नई दिल्ली। भारत ने चीन और पाकिस्तान के संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर के जिक्र को लेकर मंगलवार (17 मार्च) को दोनों देशों की आलोचना करते हुए कहा कि वह दूसरे देशों से उम्मीद करता है कि वे उसके आंतरिक मामलों पर टिप्पणी न करें और उसकी संप्रभुता का सम्मान करें।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के उनके समकक्ष आरिफ अल्वी के बीच मंगलवार (17 मार्च) को बीजिंग में हुई वार्ता के दौरान कश्मीर मुद्दा उठा, जिसपर चीन ने कहा कि वह मौजूदा हालात पर पूरा ध्यान दे रहा है।”
चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया, ”दोनों पक्षों ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर चर्चा की। पाकिस्तानी पक्ष ने अपनी चिंताओं, रुख और मौजूदा अत्यावश्क मुद्दों समेत ताजा घटनाक्रमों से चीनी पक्ष को अवगत कराया।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संघ शासित प्रदेश जम्मू – कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इससे संबंधित मुद्दे देश के आंतरिक विषय हैं ।
कुमार ने कहा, ”हम पाकिस्तान के राष्ट्रपति की हालिया चीन यात्रा के बाद जारी पाकिस्तान और चीन के संयुक्त बयान में जम्मू – कश्मीर के जिक्र को खारिज करते हैं।” उन्होंने इस मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में कहा, ”हम चीन समेत अन्य देशों से उम्मीद करते हैं कि वे भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी न करें और उसकी संप्रभुता एवं अखंडता का सम्मान करें, जिस तरह भारत दूसरे देशों के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से परहेज करता है।”
कुमार ने कहा कि 1947 के बाद से अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे वाले भारत के इलाके में तथाकथित अवैध ‘चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना’ को लेकर भारत चीन और पाकिस्तान दोनों से अपनी चिंताओं को मजबूती से दोहराना चाहेगा।