बागी 22 विधायक बेगलुरू से भोपाल लौट रहे
विशेष संवाददाता
मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। कमलनाथ ने राज्यपाल को एक चिट्ठी सौंपी। इसमें उन्होंने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए हैं। साथ ही राज्यपाल से मांग की है कि वे गृह मंत्री अमित शाह से बेंगलुरु में कथित तौर पर बंधक विधायकों को मुक्त कराने के लिए कहें। उन्होंने फ्लोर टेस्ट कराने की भी नांग की है। कनलनाथ ने मीडिया से कहा, ये तभी होगा जब 22 विधायक यहां होंगे।
उधर पता चला है कि 22 सिंधिया समर्थक विधायक बेगलुरू से भोपाल लोट रहे है और वे महाराज के भाजपा की ओर से राज्यसभा के लिए नामांकन के समय मौजूद रह कर अपनी एकजुटता दिखा सकते हैं।
सत्र 26 मार्च तक टल सकता है ?
बजट पेश होगा और राज्यपाल महोदय का अभिभाषण भी तो होना है, मीडिया के यह कहने पर कि क्या कोरोना वायरस के चलते सत्र टलेगा, तो बोले कि वायरस तो हर जगह है। जाते हुए कमलनाथ ने विक्ट्री सिग्नल दिया। वैसे अंदेशा है कि सत्र 26 मार्च तक टाला जा सकता है। इसी दि राज्यसभा के लिए मतदान होना है।
इस वक़्त का परिदृश्य
कांग्रेस ने भाजपा को जवाब देने की तैयारी कर ली है। पहला कदम होगा, बेंगलुरु में रखे गए सिंधिया समर्थक विधायक जब तक पेश नहीं होते, तब तक कांग्रेस सदन में फ्लोर टेस्ट के लिए नहीं जाएगी। कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका को लेकर भी आश्वस्त है। इस्तीफा स्वीकार करने में समय लगता है तो वह कांग्रेस के पक्ष में होगा। इससे बहुमत में सरकार बनी रहेगी।
बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष हंगामा करता है तो स्पीकर सख्त फैसले ले सकते हैं। कांग्रेस बेंगलुरु से विधायकों के आने पर उनके परिजन और क्षेत्र के लोगों को सामने रखेगी, ताकि वे सोचने पर मजबूर हो जाएं कि दोबारा चुनाव में जाते हैं तो क्या दिक्कत आ सकती है? कांग्रेस को लगता है कि भाजपा सिंधिया समर्थक विधायकों को सदन से गैरहाजिर रखना चाहती है। बहरहाल, यदि सिंधिया खेमे के विधायक नहीं आते हैं और इस्तीफा मान्य नहीं होता है तो सदन की कार्रवाई चलती रहेगी।
इसबीच, संसदीय कार्यमंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि कोरोनावायरस के खतरे के कारण प्रदेश में विधानसभा का बजट सत्र स्थगित हो सकता है।
6 विधायकों को राज्यपाल के सामने उपस्थित होना है
कांग्रेस से बागी होकर बेंगलुरु गए सिंधिया समर्थक विधायकों को विधानसभा ने नोटिस जारी किए हैं। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने इन्हें हाजिर होकर इस्तीफे की सत्यता बताने को कहा है। इस्तीफे स्वेच्छा से दिए गए हैं या किसी दबाव में, व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बताना होगा। नोटिस में 6 विधायकों को शुक्रवार को और सात को शनिवार को बुलाया गया है। शुक्रवार को बचे हुए विधायकों को भी नोटिस भेजे जाएंगे। यदि वे उपस्थित नहीं होते हैं तो इस्तीफा मान्य नहीं होगा। आज सिंधिया समर्थक 6 मंत्रियों को भी बुलाया गया है, जो बेंगलुरु के रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं।
जीतू पटवारी और लाखन सिंह अभी बेंगलुरु में
बेंगलुरु के जिस रिसॉर्ट के बाहर गुरुवार दोपहर मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह के साथ एक नाटकीय घटनाक्रम का वीडियो सामने आया। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। पटवारी और लाखन सिंह अभी भी बेंगलुरु में हैं। बताया जा रहा है कि आज कांग्रेस सांसद विधायकों को बंधक बनाए जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।