उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राज्य सरकार और सपा में पोस्टवार का नज़ारा दिखा। राज्य सरकार ने सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के होर्डिंग्स लगाए थे और इसके जवाब में समाजवादी पार्टी ने बलात्कार के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद और उन्नाव के बलात्कार के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर जो पूर्व भाजपा नेता थे ,उनके पोस्टर लखनऊ में लगाए हैं। हालांकि बाद में जिला प्रशासन ने सारे पोस्टर हटा दिए।
लखनऊ में 53 सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों की होर्डिंग्स के बगल में एक पोस्टर लगाकर सपा नेता आईपी सिंह ने एक फोटो ट्वीट की है। इस ट्वीट में आईपी सिंह ने कहा है कि जब प्रदर्शनकारियों की कोई गोपनीयता नहीं है और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग्स को नहीं हटा रही है। इसलिए मैंने नामांकित अपराधियों की कुछ होर्डिंग्स लगाने का भी फैसला किया है, हमारी बेटियों को उनके बारे में पता होना चाहिए।
एक अन्य ट्वीट में सिंह ने लिखा है कि मेरे पोस्टर का विरोध वही करेगा जो महिला विरोधी और बलात्कारियों का समर्थन कर रहा है। सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर संविधान विरोधी कार्य करेगी तो फिर उसके पहले बीजेपी को अपने गिरेबान में भी झांक कर देख लेना चाहिए। भाजपा महिला विरोधी है।
हालांकि मामला लखनऊ जिला प्रशासन के संज्ञान में आने के तुरंत बाद होर्डिंग्स को हटा दिया गया और टकराव से बचने के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है। होर्डिंग्स में चिन्मयानंद और सेंगर की फोटो के साथ-साथ उनके आपराधिक मामलों का विवरण दिया गया है। होर्डिंग्स में संदेश लिखा गया है कि ‘बेटियां रहे सावधान, सुरक्षित रहे हिन्दुस्तान’
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, कोई तो प्रतिरोधक उपाय होना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के पोस्टर लगाए जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को लेकर गुरुवार को रोक लगाने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की विशेष अनुमति याचिका को तीन जजों की बड़ी पीठ को रेफर कर दिया। हाईकोर्ट ने नौ मार्च को यूपी सरकार को आदेश दिया था कि सीएए के विरोध में लखनऊ में हुए प्रदर्शन में तोड़फोड़ करने वाले 57 लोगों के पोस्टर तुरंत हटाए जाएं।