कोरोना वायरस तेजी से चीन के बाहर फैल रहा है और इसे लेकर दुनियाभर के वित्तीय बाजार चिंतित हैं। वर्ल्ड बैंक, इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड (आईएमएफ) समेत सभी बड़े आर्थिक संस्थान ग्रोथ रेट में गिरावट की चेतावनी जारी कर चुके हैं। दुनिया के सभी देश वायरस का संक्रमण रोकने के प्रयासों में लगे हैं। कोरोनावायरस के दुनियाभर में असर का विश्लेषण करने पर पता चला है कि इसकी वजह से भारत को व्यापार में 2.5 हजार करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका है। यूरोपियन यूनियन को इससे 1.1 लाख करोड़ रुपए घाटे की आशंका है। यानी भारत के अनुमानित घाटे से करीब 44 गुना ज्यादा। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत उन 15 देशों की सूची में शामिल है, जिनकी अर्थव्यवस्थाओं को इस संक्रमण से सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका है। अमेरिका को 42 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के इकॉनमिस्ट के अनुमान के मुताबिक, फरवरी में दुनिया भर में मैन्युफैक्चरिंग निर्यात में 50 अरब डॉलर गिरावट आने को अनुमान है। प्लैट्स एनालिटिक्स ने तेल की मांग को 13.3 लाख बैरल प्रतिदिन से गिराकर 8.6 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया है। 2020 में चीन में तेल की मांग में 1.7 बैरल प्रतिदिन बढ़ोतरी का अनुमान है। यह वास्तविक अनुमान का महज 20% है। तेल की मांग 30% तक गिर सकती है। एयरलाइंस की फ्लाइट कैंसिल करने से सिंगापुर जेट फ्यूल इंडेक्स 40% से अधिक गिर चुका है। पिछले 11 साल में पहली बार हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है। दुनिया भर में क्रूड आॅयल की कीमतों में गिरावट जारी है। 20 जनवरी को पहली बार कोरोनावायरस ने बाजार पर असर डाला था। उसके बाद से अभी तक कीमतों में 20% की गिरावट आ चुकी है। एनर्जी सेक्टर में मार्च डिलीवरी का औसत 3.52 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू है। साल-दर-साल के आधार पर यह 52% नीचे है। पिछले सप्ताह दुनियाभर के शेयर बाजारों में 2008 की मंदी के बाद सबसे तेज गिरावट देखने को मिली। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियों को लोन चुकाने में मुश्किल होगी, इस कारण 1.1 ट्रिलियन डॉलर के लोन एनपीए हो सकते हैं।
चीन की एयरलाइंस कंपनियों की फ्लाइट रुकने के कारण उनको 12.8 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। एनालिटिक्स फर्म फारवर्डकीज के अनुसार चीन से बुक होने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट में 55.9% की गिरावट आई है।