विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। घडी की सुई जैसे ही अर्धरात्रि के 12 बजाएगी, आशंका है कि देश की मोबाईल कंपनियों मे ऐसा भूकम्प आएगा कि उनमे कई की दुकाने बंद हो जाएँगी। यदि ऐसा हो गया तो इसका असर देश के करोडों मोबाइलधारको पर पडना ही है। इस हाहाकारी जलजले का कारण सुप्रीम कोर्ट का कठोर आदेश है जिसके अनुसार दूरसंचार विभाग (DoT) को भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी फर्मों को शुक्रवार को आधी रात से पहले अपना बकाया भुगतान कर देना होगा।
आदेश के अनुसार शुक्रवार को 11.59 बजे तक टेलिकॉम कंपनियों को बकाया राशि जमा करनी होगा। इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने DoT को फटकार लगाई थी और उस नोटिफिकेशन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया था जिसमें कहा गया था कि AGR का भुगतान न करने पर भी कंपनियों के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों के मैनेजिंग डायरेक्टरों को नोटिस जारी किया था और उनसे कहा था वह अगली सुनवाई तक दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करें। इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को की जानी है। जस्टिस अरुण मिश्रा, एस अब्दुल नज़ीर और एम आर शाह की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। बेंच ने DoT के डेस्क अधिकारी के दिए गए आदेश पर नाराज़गी जताई जताते हुए कहा था कि अगर इस आदेश को एक घंटे में वापस नहीं लिया गया तो अधिकारी को गिरफ्तार किया जाएगा। इस आदेश के बाद दूरसंचार विभाग ने तुरंत अपना नोटिफिकेशन भी वापस ले लिया था।
क्या देश मे कोई कानून नहीं बचा है- सुप्रीम कोर्ट
अपने AGR आदेश का पालन न करने पर कोर्ट ने कहा था, ‘हमें नहीं मालूम कि कौन ये बेतुकी हरकतें कर रहा है, क्या देश में कोई कानून नहीं बचा है? बेहतर है कि इस देश में न रहा जाए और देश छोड़ दिया जाए। हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, लेकिन इसके बाद भी एक भी पैसा जमा नहीं किया गया। इससे पहले कोर्ट ने 23 जनवरी तक बकाया जमा करने का आदेश जारी किया था।
चंद घंटों में इतना बडा भुगतान कैसे कर सकेंगी कंपनियां ?
भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज सहित दूरसंचार ऑपरेटरों ने जनवरी में SC का रुख किया था, जो AGR मामले में शीर्ष अदालत के फैसले को संशोधित करने की मांग कर रही थी। अदालत ने पहले ही अपने पहले के आदेश की समीक्षा करने की याचिका को खारिज कर दिया है। वोडा आइडिया पर DoT का 50,000 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि भारती एयरटेल को 35,500 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। टाटा टेलीसर्विसेज, जिसने एयरटेल को अपना मोबाइल सेवा व्यवसाय बेचा, पर लगभग 14,000 करोड़ रुपये का बकाया है। सवाल यह है इतनी भारी भरकम राशि चुका पाना लगभग असंभव है।