विशेष संवाददाता
दिल्ली की 70 सीटों पर मतदान समाप्त होने के बाद तमाम एजेंसियों द्वारा कराये गये एक्जिट पोल के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बड़े आराम से लगातार तीसरी बार सरकार बनाती नजर आ रही है। वैसे पिछले चुनाव की तुलना में उसकी सीटें काफी घटती दिख रही हैं और उसका फायदा भाजपा को मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस की हालत सबसे पतली दिख रही है और एक बार फिर उसका सूपड़ा साफ होने का अंदेशा है।
‘आप को 44 से 61, भाजपा को 9 से 26, कांग्रेस को बमुश्किल इक्का-दुक्का सीटें मिलने का अनुमान
आम आदमी पार्टी को सर्वाधिक 48 से 61 सीटें मिलने का अनुमान रिपब्लिक टीवी ने लगाया है। ‘इंडिया टीवी’ और ‘टाइम्स नाउ’ के हिसाब से ‘आप’ को 44 सीटें मिलने की उम्मीद है, जो सभी एक्जिट पोल नतीजों में सबसे कम है। भाजपा को सर्वाधिक 26 सीटें मिलने की उम्मीद ‘इंडिया टीवी’ और ‘टाइम्स नाउ’ ने जताई है, जबकि ‘रिपब्लिक टीवी’ ने सबसे कम 9 से 21 सीटें का अनुमान लगाया है। चार एजेंसियों के मुताबिक, कांग्रेस को इक्का-दुक्का सीटें मिल सकती है, जबकि दो अन्य के हिसाब से इस बार भी उसका खाता खुलने के आसार नहीं हैं।
बहरहाल इन अनुमानों से ऐसा लगता है कि, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में केजरीवाल सरकार की प्रगति से आमतौर पर मतदाता संतुष्ट हैं। इसके अलावा बिजली, पानी के साथ-साथ महिलाओं के लिए बस यात्रा मुफ्त करने के फैसलों ने भी गरीब तबके को लुभाया है। ऐसा ही कुछ 2019 के लोकसभा चुनावों में देखने को मिला था, जब मोदी सरकार की जन-धन, उज्ज्वला आदि शताधिक लोक कल्याणकारी योजनाओं की शानदार प्रगति विपक्ष के सारे तर्कों पर भारी पड़ी थी। इसका संदेश भी एकदम साफ है। अब मतदाता उसी का साथ देते हैं, जिसका काम महसूस करते हैं। थोथी बातें उनके गले नहीं उतरतीं।