विशेष संवाददाता
ऐसा लगता है कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देश को रक्षा उत्पादन, शोध और उसके विकास के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जो प्रयास शुरू किया गया था, उसी की कड़ी में लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का सफल आयोजन आज नयी ऊंंचाइयों को छू रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि, बंधन कार्यक्रम में पचास हजार करोड़ रुपये के 23 एमओयू पर दस्तखत किये गये।
बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने की उम्मीद
एमओयू पर दस्तखत करने और नये रक्षा उत्पादों की लांचिंग के लिए शुक्रवार को आयोजन स्थल वृंदावन में बंधन कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर सारंग गन भी सेना को सौंपी गयी। मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, यूपी देश में निवेश का सबसे बेहतर स्थान बना है। आज यूपी के साथ यूपीईडीए के माध्यम से 50 हजार करोड़ के 23 एमओयू पर दस्तखत हुए हैं। ये एमओयू डिफेंस कॉरिडोर के लिए हुए हैं, जो बुंदेलखंड की तस्वीर बदल देगा। उन्होंने कहा, मुझे प्रसन्नता है कि रक्षा मंत्रालय ने इस प्रकार के एमओयू को बंधन के रूप में एक नया नाम देकर इसके साथ भावनात्मक संबंध जोड़ा है।
तीन लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद
मुख्य मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2018 में उत्तर प्रदेश में एक डिफेंस कॉरिडोर बनाने की घोषणा की थी। इस क्रम में हमने पिछले दो साल में रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर डिफेंस कॉरिडोर से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यकम करने का प्रयास किया था। प्रदेश में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में लघु और सूक्ष्म इकाइयां स्थापित करने का प्रयत्न किया। मुख्य मंत्री ने बताया कि 23 एमओयू हुए हैं, जिनके माध्यम से 50 हजार करोड़ रुपये के दस्तावेज पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में ढाई से तीन लाख नौजवानों को रोजगार की संभावना भी बढ़ेगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, देश मे डीआरडीओ द्वारा 23 टीओटी पर दस्तखत किये गये हैं। निजी क्षेत्र को डीआरडीओ तकनीक हस्तांतरित करेगा। उन्होंने कहा, हम जल्द ही निर्यातक बनने जा रहे हैं। एचएएल और डीजीसीए के बीच भी दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ है। इससे रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। उड़ान योजना के तहत यूपी के अधिकांश जिले जुड़ेंगे। एशिया की विशालतम रक्षा उपकरण प्रदर्शनी यानी डिफेंस एक्स्पो में तीसरे दिन शुक्रवार को रक्षा सौंदों का दिन रहा।
उत्तर प्रदेश व डीआरडीओ के बीच एमओयू
उत्तर प्रदेश व डीआरडीओ के बीच एमओयू साइन हुआ है। उत्तर प्रदेश और डीआरडीओ के बीच इनके निर्मित मैन माउंटेड कूलिंग सिस्टम, ऑप्टिकल टारगेट लोकेटर 600, हाई पावर एलआई इयान बैटरी तथा कॉम्बैट फ्री फाल सिस्टम के लिए करार हुआ है। बंधन कार्यक्रम के तहत इंटीग्रेटेड बॉडी आरमोर को भी क्लीयरेंस मिला है। डिफेंस एक्सपो में तीसरे दिन तीसरी पीढ़ी के अमोघ 3 एन्टी टैंक गाइडेड मिसाइल को लॉन्च किया गया है। जिसकी मारक क्षमता 200 मीटर से 2.5 किलोमीटर है।
पानी में बारूदी सुरंगें बिछाने में मदद करेगी पी 75 आई
पी 75आई स्कॉर्पियन क्लास अटैक सबमरीन यानी पनडुब्बियां हैं। इसके वर्ष 2022 तक तैयार होने उम्मीद है। ये पनडुब्बियां हवाई सर्विलांस, इंटेलीजेंस, एंटी सबमरीन वारफेयर और पानी में बारूदी सुरंगें बिछाने में मदद करती हैं। इस पर राडार, टारपीडो सहित एंटी शिप मिसाइल भी तैनात रहती है।
रूस के साथ 14 एमओयू
वृंदावन एक्सपो स्थल पर पांचवें भारत रूस मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉन्फ्रेंस के दौरान गुरुवार को 14 एमओयू हुए। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। इंटर गवर्नमेंट एग्रीमेंट के तहत भारत में ही रक्षा निर्माण से जुड़े कलपुर्जों को बनाने का प्रस्ताव आया। इसे भारतीय नौसेना के सिपुर्द किया गया। एमओयू में कलपुर्जे बनाने के सौदे शामिल हैं।
झांसी में डिफेंस पार्क, एयरक्राफ्ट यूनिट लगाएगी यूक्रेन की कंपनी
यूक्रेन, अमेरिका और भारतीय कंपनियों ने प्रदेश में विकसित किये जा रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर में निवेश की इच्छा जताई है। यूक्रेन, यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआइबीसी) और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआइडीएम) के प्रतिनिधिमंडलों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर डिफेंस कॉरीडोर में निवेश की पेशकश की।
डिफेंस एक्सपो में स्थापित यूपी पैवेलियन में हुई मुलाकात के दौरान यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कर रहे वहां के राजदूत डॉ. इगोर ने कहा कि उनका देश उप्र के साथ सफल साझेदारी चाहता है। विमानन क्षेत्र की यूक्रेन की कंपनी तितान एविएशन एंड एयरोस्पेस लिमिटेड के निदेशक के. गिरि कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि, उनकी कंपनी डिफेंस कॉरीडोर के तहत झांसी नोड में निवेश की इच्छुक है। वह झांसी में हवाई जहाजों और उनके पुर्जों के निर्माण की इकाई स्थापित करना चाहती है, जिसे दो साल के अंदर चालू करने का इरादा है। कंपनी झांसी में ही डिफेंस पार्क भी स्थापित करने की इच्छुक है। इस पार्क में हेलीकॉप्टर और इससे जुड़े पुर्जों के निर्माण की इकाइयां स्थापित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने यूक्रेन की कंपनी को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
वहीं यूएसआइबीसी के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई मुलाकात में मुख्यमंत्री ने अमेरिकी कंपनियों को प्रदेश में रक्षा क्षेत्र के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में भी निवेश के लिए आमंत्रित किया। यूएसआईबीसी की अध्यक्ष निशा बिस्वाल ने मुख्यमंत्री से कहा कि अमेरिका के उद्योगपति भारत में सप्लाई चेन की स्थापना के लिए कार्य करना चाहते हैं। डिफेंस सप्लाई चेन में उत्तर प्रदेश बहुत कुछ देने की पेशकश कर सकता है। यूएसआईबीसी प्रतिनिधिमंडल के एक अन्य सदस्य ने अपनी कंपनी जैकब्स इंजीनियरिंग द्वारा डिफेंस कॉरीडोर में निवेश में रुचि दिखायी। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र में निवेश पूरी तरह सुरक्षित और फायदेमंद सौदा है। राज्य सरकार निवेशकों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करायेगी।
एक अन्य बैठक में एसआईडीएम के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट कर प्रदेश के डिफेंस कॉरीडोर में निवेश की इच्छा जताई।एसआइडीएम नॉलेज पार्टनर के रूप में यूपीडा से जुड़ा है।