विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। निर्भया केस के तीसरे दरिन्दे अक्षय ठाकुर की दया याचिका को भी राष्ट्रपति ने बुधवार (5 फरवरी) को खारिज कर दिया।
इससे पहले मुकेश और विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के यहां से खारिज हो चुकी है, जबकि पवन ने यह याचिका अभी नहीं दाखिल की है। अक्षय की दया याचिका एक फरवरी को दाखिल हुई, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया।
फाँसी को लटकाने के लिए ये दरिन्दे कानून का ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने की हरचंद कोशिश में लगे हैं।
अभी दरिन्दे पवन की दया याचिका बची हुई है। वह निर्धारित सीमा के अंतिम दिन याचिका डालेगा।
कितना ही जतन ये करें लें, देर से ही सही पर फाँसी के फंदे से बच नहीं सकते। जिस वीभत्स तरीके से इन सभी ने निर्भया के साथ दुष्कर्म किया था, उसके मद्देनजर पूरा देश उनको फंदे पर झूलते हुए देखना चाहता है।
इनके वकील जो ये हथकंडे अपना रहे हैं, उसके पीछे इनको बचाना कम उनकी अपनी मार्केटिंग ज्यादा है। वे अपराधियों को इस बहाने संदेश दे रहे हैं कि आइए हमारे पास हम अंतिम क्षण तक आपके बचाव के लिए लड़ेगे।
खैर, ये अधिवक्ता इनकी साँस लंबी करने में कामयाब भले ही हो रहे हैं मगर उनको मौत से नहीं बचा सकते।