दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में उन्नाव की रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर समेत सात अन्य अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए इस मामले में अन्य चार आरोपियों को बरी कर दिया है।

कोर्ट ने बुधवार को यह फैसला सुनाते हुए कहा कि जिस तरीके से पीड़िता के पिता की हत्या की गयी निश्चित रूप से वह एक जघन्य अपराध था। ध्यान रहे पुलिस हिरासत में पीड़िता के पिता की नौ अप्रैल 2018 को हत्या हो गई थी। कोर्ट अब 12 मार्च को इस मामले में फैसला सुनाएगा।

कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को आपराधिक साजिश का दोषी पाया और फैसला सुनाते हुए तीस हजारी कोर्ट के जज ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रायल रहा। जज ने सीबीआई और पीड़ित के वकील की भी सराहना की। तीस हजारी कोर्ट ने इससे पहले 29 फरवरी को इस मामले पर सुनवाई की थी और फैसले के लिए चार मार्च की तिथि तय की थी।

7 आरोपी दोषी, चार हुए बरी

इस केस में पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, कामता प्रसाद (सब इंस्पेक्टर), अशोक सिंह भदौरिया (एसएचओ), विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह और जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह को कोर्ट ने दोषी करार दिया । शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह, राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह, अमीर खान, कॉन्स्टेबल और शरदवीर सिंह कोर्ट से बरी हो गए हैं।

पीड़िता के पक्ष में 55 ने दी गवाही

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस केस को उत्तर प्रदेश के बाहर शिफ्ट कर दिया गया था। इसके बाद से तीस हजारी कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। इस केस में पीड़िता के पक्ष से कुल 55 लोगों ने गवाही दी। वहीं बचाव पक्ष की तरफ से नौ गवाह कोर्ट में पेश हुए।

दुष्कर्म मामले में हो चुकी है उम्रकैद की सजा

उल्लेखनीय है किभारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन विधायक कुलदीप सेंगर को नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। 16 दिसंबर, 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने इस मामले में सेंगर को दोषी ठहराया था और 20 दिसंबर को उसे उम्रकैद की सजा हुई थी।

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