ब्रिटेन मे देशव्यापी बंदी
चीन से फैले खतरनाक कोरोना वायरस की दहशत का हाल यह होने जा रहा है कि अमेरिका में 22 लाख और ब्रिटेन में पांच लाख लोगों के मरने की आशंका है।
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पूरे ब्रिटेन में देशव्यापी बंद के आदेश दिए हैं। अमेरिका के कैलिफोर्निया समेत कई इलाकों को लॉकडाउन कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि ब्रिटेन में लॉकडाउन के पीछे एक ब्रिटिश शोध रिपोर्ट है, जिसने चौंकाने वाला अनुमान लगाया है। कोरोना वायरस पर लंदन के इंपीरियल कॉलेज की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है कि कोरोना वायरस पर अगर काबू नहीं पाया गया तो यह ऐसे ही तीव्र गति से फैलता रहा तो ब्रिटेन में करीब 5 से 10 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
वहीं, अमेरिका के लिए भी इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि आने वाले समय में कोरोना वायरस के फैलने से 22 लाख लोगों की मौत हो सकती है। दरअसल, इस रिपोर्ट में एक तरह से चेतावनी दी गई है कि अगर समय रहते इस वायरस पर काबू नहीं पाया गया तो दोनों देशों में स्थित भयावह हो सकती है।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना से निपटने के लिए कठोर कदम उठाए हैं और पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। इस रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है कि अगर कुछ कदम नहीं उठाए गए तो अगले तीन महीनों में मरने वालों की संख्या चरम पर होगी और इससे करीब 81 फीसदी आबादी प्रभावित होगी।
इंपीरियल कॉलेज ब्रिटेन की सरकार को पिछले महामारियों को लेकर भी सलाह दे चुका है, जिनमें सार्स, एवियन फ्लू और स्वाइन फ्लू शामिल हैं। इंपीरियल की इस रिपोर्ट का नेतृत्व प्रोफेसर नील फर्गुसन ने किया है, जिनके साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन और 50 वैज्ञानिकों की एक टीम है।
प्रोफेसर फर्गुसन के मुताबिक, यह रिपोर्ट इटली में कोरोना वायरस से जुड़े ताजा आंकड़ों की तुलना के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंची है।
प्रोफेसर फर्गुसन ने रिपोर्ट जारी होने के बाद कहा कि कोरोना वायरस से कैसे निपटा जाए और इसके प्रकोप को कैसे रोका जाए, इसे सोच कर ब्रिटेन पिछले कुछ सप्ताह से संघर्ष कर रहा है।
दुनियाभर में कोरोना वायरस से अब तक करीब 11 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक 2 लाख 65 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।