बीसीसीआई की 88वी एजीएम

मुुुम्बई । टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली के नेतृत्व वाले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने रविवार को अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल की सीमा में ढिलाई देने को स्वीकृति दे दी। बीसीसीआई की यहां आयोजित 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में यह फैसला लिया गया। इससे बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली के 9 महीने के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है।

बोर्ड पदाधिकारियों के साथ सौरभ गांगुली

बोर्ड की एजीएम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य प्रशासनिक सुधारों में ढिलाई देने का फैसला किया गया। हालांकि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी की जरूरत होगी। 2003 वर्ल्ड कप की फाइनलिस्ट टीम इंडिया के कप्तान रहे गांगुली के बोर्ड अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार एजीएम आयोजित की गई।

2024 तक बढ़ेगा कार्यकाल?

बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘सभी प्रस्तावित संशोधनों को मंजूरी दे दी गई है और इसे सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति के लिए शीर्ष अदालत में भेज दिया जाएगा।’ यदि स्वीकृति मिल जाती है तो गांगुली साल 2024 तक बीसीसीआई चीफ बने रह सकते हैं।

ऐसा है मौजूदा नियम

मौजूदा संविधान के अनुसार अगर किसी पदाधिकारी ने बीसीसीआई या राज्य संघ में मिलाकर तीन साल के दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं जो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना होगा। गांगुली ने 23 अक्टूबर को बीसीसीआई अध्यक्ष का पद संभाला था और उन्हें अगले साल पद छोड़ना होगा लेकिन छूट दिए जाने के बाद वह 2024 तक पद पर बने रह सकते हैं।

बदली थी टीम इंडिया की तस्वीर

क्रिकेट फैंस के बीच ‘दादा’ कहे जाने वाले सौरभ की इमेज घातक बल्लेबाज की रही। जब वह बल्लेबाजी करते थे तो दो कदम आगे निकलकर दर्शनीय सिक्सर देखने के लिए लोग बेताब रहते थे। ऑफ साइड के भगवान कहे जाने वाले गांगुली को 2000 में उस वक्त लीडरशिप का मौका मिला, जब भारतीय क्रिकेट को मैच फिक्सिंग से दो-चार होना पड़ा था। गांगुली ने कप्तानी संभाली और फिर दुनिया को एक महान लीडरशिप से रूबरू करवाया। वर्ल्ड कप-2003 में गांगुली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया, जिसने भारतीय क्रिकेट को बदलकर रख दिया।

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