कोरोना का प्रकोप जैसे-जैसे बढ़ रहा है, उससे लड़ने के तरीके ईजाद के दावे सामने आ रहे हैं। अब अमेरिका(america ) का एक ऑक्सीमीटर अलर्ट देकर बचा रहा है जान।

वेंटिलेटर पर जाने से पहले बच सकते हैं मरीज। उंगली पर लगाया जाने वाली यह डिवाइस शरीर में ऑक्सीजन का लेवल गिरते ही अलर्ट करती है ताकि समय पर इलाज हो सके। अमेरिकी डॉक्टर रिचर्ड लेविटन का दावा है कि 1800 रुपए वाली इस डिवाइस से मैंने अपने दो दोस्तों की जान बचाई।उनका कहना है कि उसने एक डिवाइस ( device)बनाई जो यह बता देती है कि आपका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है। इससे सतर्कता बरत आप मेडिकल हेल्प ( medical help)लेकर जान बच सकते है। यह पल्स ऑक्सीमीटर डिवाइस कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा कम कर सकती है। एक्सपर्ट का दावा है, माचिस के आकार वाली यह डिवाइस शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बताकर अलर्ट करती है और संक्रमित मरीज को गंभीर हालात में पहुंचने से रोक सकती है। इसे मरीज की उंगली पर लगाया जाता है और डिवाइस की कीमत लगभग 1800 रुपए है। यह डिवाइस वेंटिलेटर की कमी का विकल्प साबित हो सकती है क्योंकि इससे अलर्ट (alert )मिल जाए तो समय पर इलाज से जान बच सकती है।

खतरे से पहले अलर्ट करती है

अमेरिकी डॉक्टर डॉ. रिचर्ड लेविटन के मुताबिक, सांस लेने में तकलीफ, बुखार और खांसी जैसे लक्षण दिखने से पहले ही अलर्ट करती है। महज दो हजार रुपए की इस डिवाइस से मैंने अपने दो दोस्तों की जान बचाई है। कोरोना के संदिग्ध मरीज इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यह डिवाइस 5 साल पहले ही मार्केट ( market)में आ गई थी। और डॉक्टर इसका इस्तेमाल भी करते रहे हैं। लेकिन बढ़ते संक्रमण के मामलों के बाद इसका इस्तेमाल अब बढ़ रहा है।

ऐसे काम करती है डिवाइस

इस डिवाइस में सेंसर( censor) लगा है जो उंगली के दूसरी तरफ से निकलने वाली रोशनी की किरणों को पढ़ता है। शरीर में ऑक्सीजन और बिना ऑक्सीजनयुक्त वाले रक्त से गुजरने वाली प्रकाश की किरणें अलग-अलग तरह की होती हैं। यह डिवाइस इसे पहचानकर बताती है रक्त में ऑक्सीजन की कितनी कमी है। रीडिंग को डिवाइस के डिस्प्ले सिस्टम (display system )पर देखा जा सकता है।

ऑक्सीजन 2% गिरते ही डॉक्टर की मदद लें

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस के पूर्व एडवाइजर डॉ. निक स्मार्टन (nick smarten )के मुताबिक, यह डिवाइस की मदद से ऑक्सीजन का लेवल पता चलता रहा है जो हृदय और फेफड़ों की सेहत के लिए बेहद जरूरी है। शरीर में ऑक्सीजन 2-3 फीसदी तक गिरते ही इंसान डॉक्टर से इलाज ले सकता है। रिचर्ड लेविटन कहते हैं कि कोरोना के खौफ के बीच इस समय सबसे ज्यादा वेंटिलेटर( ventilator) की जरूरत है। इस दौरान संक्रमित इंसान पल्स ऑक्सीमीटर ( pulse oxemetre)की मदद से शरीर का तापमान और खांसी जैसे लक्षण मॉनिटर करके वेंटिलेटर की कमी से जूझ रहे मरीजों की मदद कर सकते हैं। इसकी खासियत है कि घर या ऑफिस दोनों जगह इसकी मदद से अलर्ट रहा जा सकता है।

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