बीजिंग। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत को गीदड़भभकी दी है. अखबार के संपादकीय (Editorial) में कहा गया है कि चीनी सरकार को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि भारत के साथ सीमा पर स्थितियां बिगड़ रही हैं. अखबार कहता है- नई दिल्ली को एक बात स्पष्ट रूप से समझ लेनी चाहिए कि उसे उसकी इच्छानुसार सीमाएं नहीं मिलेंगी. अगर युद्ध होता है तो निश्चित रूप से उसे (भारत) को हार मिलेगी. किसी भी तरह का राजनीतिक दबाव चीन बर्दाश्त नहीं करेगा.

आगे अखबार कहता है- सीमा विवाद सुलझाने में चीन को दो बातों को सबसे ऊपर तरजीह देनी चाहिए. पहली, भारत चाहे कितनी भी परेशानी पैदा करे हमें अपने सिद्धांत से अलग नहीं हटना चाहिए यानी चीन का क्षेत्र सिर्फ चीन का है. दूसरी, सीमा के मामले में भारत अब भी ‘नींद में चल’ रहा है. हम उसके जागने का इंतजार कर सकते हैं.

भारत को बताया ‘महान शक्ति’
संपादकीय में कहा गया है- चीनी लोग ये जानते हैं कि भारत और चीन दोनों ही महान शक्तियां हैं. दोनों के पास पर्याप्त क्षमता है जिसकी वजह से सीमा विवाद लंबे समय तक बना रह सकता है. इस तरह का विवाद दुखद है लेकिन अगर भारत ऐसा करना चाहता है तो चीन इसे अंत तक कायम रखेगा.

13वें दौर की वार्ता में नहीं निकला कोई नतीजा
इस बीच भारत और चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकला है. बीते रविवार को दोनों पक्षों में बातचीत हुई थी. भारतीय सेना ने बातचीत के बाद कहा कि बैठक के दौरान, भारतीय पक्ष ने बाक़ी क्षेत्रों को हल करने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए, लेकिन चीनी पक्ष सहमत नहीं था और कोई प्रस्ताव भी नहीं दे सका।

इस तरह बैठक में कोई समाधान नहीं निकला. सेना ने हालांकि कहा कि दोनों के बीच बातचीत जारी रहेगी. बैठक में न केवल हॉट स्प्रिंग्स, बल्कि डेमचोक और डेपसांग सहित सभी विवाद वालों जगहों पर चर्चा हुई. PLA की पश्चिमी कमान ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में भारत की मांगों को ‘अवास्तविक और अनुचित’ कहा है.

12वें दौर की कमांडर स्तर की बैठक में दोनों पक्षों के बीच पूर्वी लद्दाख के गोगरा का मुद्दा सुलझ गया था. भारत ने LAC पर टकराव वाले 18 बिंदुओं की पहचान की है. सीमा पर शांति स्थापित होने से पहले इन मुद्दों का सुलझाया जाना जरूरी है.

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