छपरा। सूफियाना तहजीब का बेमिसाल नमूना। हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की बेजोड़ मिसाल। वह भी ऐसे माहौल में, जहां हिन्दू और मुस्लिम एक दूसरे को शक की निगाह से देखते हों। ऐसे में बिहार में मनेर के चंदू खान और उनके भतीजे जावेद खान ने एक लावारिस हिन्दू वृद्ध महिला दौलतिया देवी के मरने पर उसका हिन्दू रीति- रिवाज से अंतिम संस्कार किया। यहां तक कि चंदू खान ने उस वृद्धा को मुखाग्नि भी दी। 

जावेद कहते हैं कि अगर समाज का सहयोग मिले तो वे उस वृद्ध हिन्दू महिला का दशकर्म और ब्रह्मभोज भी करेंगे।

लगभग 70 वर्षीया दौलतिया देवी का मनेर के मीरा चक में सोमवार को निधन हो गया था। वह इस मोहल्ले में वर्षों से रहती थी। पति कई साल पहले ही गुजर गया था। कोई संतान नहीं थी। एकदम अकेली, वृद्ध व असहाय। जब तक हाथ-पैर काम कर रहे थे तब तक तो वह किसी तरह अपना गुजर- बसर कर लेती थी पर जब हाथ-पैर भी जवाब देने लगे तो आसपास के घरों से मांगकर गुजर-बसर करने लगी। अभाव व वृद्धावस्था के चलते वह अब इस दुनिया को छोड़कर चली गयी है।

यह बात मंगलवार को काजी मोहल्ले के चंदू खान तक पहुंची। वे उस वृद्धा को जानते थे। उन्होंने उस वृद्धा के अंतिम संस्कार की ठानी। उन्होंने भतीजे जावेद खान को बुलाया और इस वृद्धा के अंतिम संस्कार को तैयार किया। उन्होंने हल्दी छपरा स्थित गंगा घाट पर हिन्दू रीति-रिवाज से उस वृद्धा का अंतिम संस्कार किया। चाचा-भतीजे के इस कदम की सराहना चहुंओर हो रही है।

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