दिल्ली-झारखंड में होने वाले चुनावों पर भी पड़ेगा महाराष्ट्र गठबंधन का असर?

मुंबई/नई दिल्ली: शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र में सूर्ययान सुरक्षित रूप से उतर गया है। इसके साथ ही राउत ने कहा कि किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए, अगर यह दिल्ली में भी आता है। संजय राउत का यह बयान आने वाले दिनों में राजनीति बदलने का संकेत देता है। इस बयान के बाद माना जा रहा है कि शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए आगामी दिल्ली व झारखंड विधानसभा चुनावों में एक साथ प्रचार कर सकती हैं।

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राउत ने कहा, ‘मैंने भविष्यवाणी की थी कि हमारा ‘सूर्ययान’ मंत्रालय (मुख्यमंत्री का कार्यालय) की छठी मंजिल पर पहुंच जाएगा। लेकिन तब सभी लोग हंस रहे थे। अब हमारे ‘सूर्ययान’ ने एक सहज और सुरक्षित लैंडिंग कर ली है और आने वाले दिनों में अगर यह दिल्ली में भी उतरता है तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।’ एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘निकट भविष्य में हम झारखंड विधानसभा चुनाव अभियानों में चर्चा कर सकते हैं और संयुक्त रूप से भाग ले सकते हैं। शेड्यूल तैयार करने के लिए हम अपने अन्य गठबंधन सहयोगियों के साथ संपर्क में हैं।’

नेता ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव 5 चरणों में निर्धारित हैं, जोकि 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि एक बार जब हम महाराष्ट्र में कल काम पूरा कर लेंगे (मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे का शपथ ग्रहण समारोह) और सरकार बन जाएगी, तो हम 5 दिसंबर से विधानसभा चुनाव प्रचार का कार्यक्रम तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना और एनसीपी झारखंड कांग्रेस और उसके गठबंधन के साथी हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा से भी अभियान के लिए कहेंगे।

एनसीपी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने महाराष्ट्र में चल रहे घटनाक्रम के बारे में बताया कि गठबंधन के सहयोगियों द्वारा नई दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए बातचीत की संभावना है। इससे भाजपा को कड़ी चुनौती मिलेगी। दिल्ली विधानसभा का 70 सदस्यीय चुनाव फरवरी 2020 में होगा।

बीजेपी ने पहले ही शहर में विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान को आक्रामक रूप से शुरू कर दिया है, जिसमें कई वरिष्ठ नेताओं ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ वायु प्रदूषण, पीने के पानी और अनधिकृत कॉलोनियों व राष्ट्रीय राजधानी की अन्य समस्याओं के लिए तीखा हमला किया है। दिलचस्प बात यह है कि आप ने हाल ही में विधानसभा चुनावों के लिए दिल्ली में कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन होने से इनकार कर दिया था, लेकिन महाराष्ट्र का घटनाक्रम इस बारे में दोबारा से समीक्षा करने के लिए मजबूर कर सकता है।

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