परिवार ने पांच करोड़ मुआवजा, एक सदस्य को नौकरी देने की माँग की

विशेष संवाददाता

नयी दिल्ली: लखनऊ में हिन्दू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या से हड़कम्प मच गया है। आरोपियों की पहचान अब तक नहीं हो पाई। वहीं अब एक नया सीसीटीवी ​फुटेज सामने आया है जिसमें आरोपियों के साथ एक महिला भी दिख रही है। परिवार ने सरकार से पांच करोड़ का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग की है। परिवार का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती वो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। शुक्रवार का पूरा दिन गुजर गया लेकिन हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिला। 

पुलिस ये मानकार बैठी थी कि हत्या के पीछे दो लोगों की साजिश है लेकिन एक सीसीटीवी वीडियो ने इस थ्योरी को पलट कर रख दिया है। इस वीडियो में एक महिला भी नजर आ रही है, उसी भगवा वेश में और सफेद रंग का दुपट्टा। कहा जा रहा है कि ये वीडियो खुर्शीदबाग इलाके का ही है। इस वीडियो में वो दोनों आरोपी भी नजर आ रहे हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि कमलेश तिवारी के साथ 36 मिनट तक बातचीत करते रहे, चाय-नाश्ता करते रहे और फिर मौका देखकर हिन्दू नेता का गला रेत फरार हो गए।

कल तक पुलिस को सिर्फ दो लोगों की तलाश थी, अब पुलिस को इस महिला की भी तलाश है। केंद्र ने राज्य सरकार से अलग रिपोर्ट मांगी है और राज्य सरकार ने राज्य पुलिस से। कमलेश तिवारी हत्याकांड का सच पता करने के लिए पुलिस ने SIT टीम गठित की है। इस टीम में आईजी लखनऊ एसके भगत, लखनऊ के एसपी क्राइम दिनेश पुरी और एसटीएफ के डिप्टी एसपी पी के मिश्रा हैं।

परिवार इंसाफ मांग रहा है, हत्यारे का नाम पता भी बता रहा है। कमलेश तिवारी की पत्नी किरण तिवारी की शिकायत पत्र में बिजनौर के दो मौलानाओं का जिक्र है जिनके नाम नसीम क़ाजमी और अनवारुल हक़ हैं। दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। अनवारुल हक को पुलिस ने बिजनौर मे उसकी ससुराल से दबोच लिया है । 2015 में अनवारुलहक़ ने कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को 51 लाख के इनाम का ऐलान किया था।

कमलेश पहले हिन्दू महासभा में बड़े पद पर थे। कुछ महीने पहले इन्होंने अपनी पार्टी बनाई। लखनऊ में हजारों की संख्या में कमलेश तिवारी को जानने वाले हैं और जब पता चला कि उनकी हत्या हो गई है तो सब गुस्से से आग-बबूला हो गए। परिवार का गुस्सा आधी रात को उस वक्त और बढ़ गया जब पांच घंटे हो जाने के बावजूद शव परिवार वालों को सौंपा नहीं जा सका था।

यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा परिवार वालों से मिलने आए थे लेकिन लोगों का गुस्सा इतना ज्यादा था कि उन्हें दरवाजे तक पर भी पहुंचने नहीं दिया गया।

देर रात परिवार वालों को शव सौंपा गया। पूरा का पूरा प्रशासन कमलेश तिवारी के घर पर खड़ा है। कमलेश तिवारी ने 2018 में अपनी हत्या की आशंका जताई थी, सरकार की ओर से सुरक्षा भी मिली लेकिन कातिल अपनी इस घृणात्मक साजिश में कामयाब हो गए। परिवार वाले हत्यारों के लिए फांसी की सजा मांग रहे हैं।

गौरतलब है कि कमलेश ने पैगंबर मुहम्मद से जुड़ी विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया था। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उनके खिलाफ एनएसए रद कर दिया था। लेकिन अल्लाह के इस्लाम की जगह मुल्लो का इस्लाम मानने वाले वहाबी अपनी कारगुजारी मे सफल हो गये।

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