कांग्रेस को चाहिए उप मुख्यमंत्री पद, एनसीपी तैयार नहीं
पदम पति शर्मा
मुम्बई । महाराष्ट्र में सरकार बने 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि गठबंधन के दो दलों काग्रेस और एनसीपी के बीच खींचतान शुरू हो गयी। सरकार गठन के पहले भी इन दोनो पार्टियों के बीच मलाईदार मंत्रालय को लेकर पेंच फंसा ही था कि अब मामला उप-मुख्यमंत्री को लेकर फंस गया है।
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कांग्रेस को चाहिए उपमुख्यमंत्री लेकिन एनसीपी इस पद को छोड़ना नहीं चाहती ,क्योंकि अजीत पवार को इसी शर्त पर वापस लाया ही गया है|
दूसरी ओर पृथ्वीराज चौहान को विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने को लेकर राष्ट्रवादी विरोध कर रही है| वहीं कांग्रेस उपमुख्यमंत्री की मांग कर रही है ,लेकिन राष्ट्रवादी छोड़ने को तैयार नहीं इन्हीं सब को लेकर चल रहा है सुबह से कांग्रेस और राष्ट्रवादी में मंथन|
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मगन हैं सूबे के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होकर। बकौल शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत, “उद्धव जी के सत्ता संभालने के साथ ही पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय बाला साहेब का ठाकरे परिवार को इस पद पर आसीन देखने का सपना साकार हो गया है*। इसलिए शिवसेना फिलहाल कांग्रेस और एनसीपी की आपसी खींचतान से दूरी बना कर चल रही है।
गुरुवार को शपथग्रहण समारोह मे तीनो दलों के दो दो वरिष्ठ नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी। अब मंत्रालयों का बंटवारा होना है। कांग्रेस और एनसीपी दोनो के नेता भ्रष्टाचार के कई मामलों में फंसे हुए हैं और चाहेंगे कि जल्दी से उनसे
उनका पिंड छूटे। इसके लिए उनको मन माफिक मंत्रालय चाहिए।
देखने वाली बात तो यह है कि मुख्यमंत्री की इसमे कितने अंशों तक भूमिका होगी या वह बबुआ बन कर तमाशबीन रहेंगे ?