वाराणसी में गंगा नदी चेतावनी के स्तर को पार करते हुए खतरे के बिंदु के लगभग समीप बह रही है। साथ ही यमुना नदी में कोटा बैराज, माताटीला बाँध आदि से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी ने गंगा के जलस्तर को बढ़ने में प्रमुख भूमिका निभाई है। बढ़ते जलस्तर के कारण वरुण नदी के बहाव में रूकावट के कारण वरुणा के निचले क्षेत्रों में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। वाराणसी के कई निचले क्षेत्रों में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है और एन.डी.आर.एफ. की दो टीमें लगातार राहत व बचाव कार्यों में लगी हुयी हैं।

सामने घाट क्षेत्र, सारनाथ, दनिहलपुर, नक्खीघाट और पूरण वरुण पुल क्षेत्र से एन.डी.आर.एफ. की टीम ने फंसे लोगों को निकालने के लिए सारनाथ क्षेत्र में राहत बचाव कार्य चलाया और कुल 16 लोगों को बाढ़ क्षेत्र से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया।

एन.डी.आर.एफ. की कार्यकुशलता के लिए परिवार के सदस्यों व जिला प्रशासन ने एन.डी.आर.एफ. टीम की सराहना की।

एन.डी.आर.एफ. की त्वरित कार्यवाही से सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एन.डी.आर.एफ. की टीमें वाराणसी की स्थिति पर नज़र बनाये हुए है और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

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