नगर संवाददाता
वाराणसी । सात वार में नौ त्यौहार मनाने वाली काशी में स्थित रामेश्वर में प्रसिद्ध लोटा-भंटा मेला का सोमवार को शुभारंभ हुआ। रविवार की शाम ही मेले में पूर्वांचल के साथ बिहार, मध्य प्रदेश के श्रद्धालु कल्पवास के लिए पहुंचने लगे थे। सोमवार की सुबह वरुणा नदी में स्नान कर भक्तों ने भगवान शिव को बाटी-चोखा का भोग अर्पित किया।
रामेश्वर में सुबह वरुणा नदी में स्नान कर बाटी-चोखा बना कर भगवान शिव को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया जाता है। कहा जाता है कि काशी में रामेश्वर, काशी पंचक्रोशी के तृतीय पड़ाव स्थल पर बसा हुआ है। किसी जमाने में करौंदा वृक्ष की बहुतायतता के कारण इसे करौना गांव के नाम से जाना जाता था। किंतु भगवान श्रीराम द्वारा पंचक्रोशी यात्रा में आने पर वरुणा नदी के एक मुठ्ठी रेत से रामेश्वरम की ही भांति शिव की प्रतिमा की स्थापना थी। भगवान शिव और श्रीराम के मिलन का केंद्र होने से इसे रामेश्वर महादेव धाम भी जाना जाता है। यहां लोटा भंटा मेला के दौरान दूर दूर से आकर लोग कल्पवास कर बाटी, चोखा और दाल चावल बनाकर भगवान शिव को भोग लगाते हैं और प्रसाद बांटकर पुण्य की कामना करते हैं।
अनहोनी टालने के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक मार्तंड प्रकाश सिंह ने बताया कि मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए दो थानाध्यक्ष, 22 उपनिरीक्षक, 88 कांस्टेबल, 18 महिला कांस्टेबल, 10 ट्रैफिक पुलिस और एक प्लाटून पीएसी तैनात की गई है। सीओ सदर अभिषेक पांडे इसकी मॉनिटरिंग करेंगे। वहीं एसडीएम राजातालाब अमृता सिंह ने बताया कि मेले में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक सहित लेखपाल उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि मेले की तैयारी पूरी कर ली गई है। वही बीडीओ सुरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया गया कि मेले की सफाई-व्यवस्था के लिए पर्याप्त सफाई कर्मी तैनात किए गए हैं।