विद्यालय के कुलगीत की रचना के लिए डॉ. रामअवतार पांडेय हुए सम्मानित

नूतन बालक गणेशोत्सव समाजसेवा मंडल वाराणसी के तत्वाधान में 2 सितंबर से चल रहे 111वीं गणेशोत्सव का समापन विशाल भंडारे व शोभायात्रा के साथ सम्पन्न हुआ। गणेशोत्सव के आखिरी दिन प्रांगण में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में मराठे व्यंजन का लुफ्त लिया।

गणेशोत्सव कार्यक्रम में विद्यालय की अध्यापिकाओं, छात्र-छात्राओं और प्रधानाचार्या द्वारा विद्यालय के मनोहारी कुलगीत “शिक्षा का है सबल सहारा, गणेश विद्या मंदिर हमारा” के रचयिता व विद्यालय के प्रबंधक डॉ. रामअवतार पांडेय का अंगवस्त्रम, पुष्पहार, स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

डॉ. रामअवतार पांडेय को सम्मानित करते विद्यालय परिवार के सदस्य

अपने सम्मान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए वार्षिकोत्सव के अवसर पर दिए गए व्याख्यान में डॉ. पांडेय ने कहा कि शिक्षा समग्र विकास का मूल है। इससे जीवन यशस्वी बनता है। जिन लोगों ने महान स्थान पाया है। शिक्षा उन्हें उस योग्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए आज की आवश्यकता है कि भावी पीढ़ी को संस्कारयुक्त उत्तम शिक्षा दी जाए। जिसमें शिक्षा के साथ ही सफलता पाने की दीक्षा भी शामिल हो।

गणेशोत्सव में विद्यालय की छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। रंगारंग कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. रामअवतार पांडेय के लिखे गीत “अंगनवा आ जाना” गणेश जी के आह्वान गीत से शुरू हुआ। उसके बाद छात्राओं ने सरस्वती वंदना, कुलगीत, स्वागत नृत्य, विहू नृत्य, हिमालय पर नृत्य गीत प्रस्तुत कर वाहवाही और प्रशंसा प्राप्त किया। इस अवसर पर छात्राओं ने छत्रपति शिवाजी के जीवन नारी सम्मान सम्बंधी एक घटना पर भी लघु नाटिका प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया।

श्रोताओं को संबोधित करते डॉ. पांडेय

कार्यक्रम की विशेषता यह भी रही कि गणेश जी के आह्वान गीत से शुरू हुए इस कार्यक्रम का समापन गणेश जी के ही एक दंताये धीमहि गीत की भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुति से हुई। और श्रोता भूल गए कि वे वाराणसी में है। वे इस तरह सराबोर हो गए कि उन्हें लगा वे महाराष्ट्र में गणेशोत्सव का आनंद ले रहे हैं।

भंडारे में प्रसाद ग्रहण करते श्रद्धालु

कार्यक्रम का कुशल संचालन जागृति उपाध्याय व धन्यवाद प्रकाश विद्यालय के अध्यक्ष सन्तोष कुमार पाठक व प्रधानाचार्या शीला राय ने किया। कार्यक्रम का संयोजन मुख्य रूप से सरपंच नारायण भागवत, मंडल अध्यक्ष वीरेश्वर नारायण दतार, मंडल मंत्री डॉ. माधव जनार्दन रटाटे, उत्सव मंत्री राहुल अंनत राम, उत्सव अध्यक्ष सुरेन्द्र दामोदर वाशिमकर ने किया।

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