23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय कश्मीर दौरे से लौटा

कश्मीर भारत का आंतरिक मामला

आतंकवाद के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार

आतंकवाद के खिलाफ जंग में हम भारत के साथ

अनिता चौधरी
राजनीतिक संपादक

यूरोपीय सांसदों का डेलीगेशन अपने दो दिवसीय कश्मीर दौरे से वापस आ गया है । राजधानी दिल्ली में मीडिया से रु-ब-रु होते हुए सांसदो ने आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कश्मीर की मूल समस्या आतंकवाद है और इसके खिलाफ जंग में हम भारत के साथ हैं। उन्होंने पाकिस्तान को टेरर फंडिंग के लिए ज़िम्मेदार ठहराया। जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए 23 यूरोपीय सांसदों ने आतंकवाद पर भारत के साथ होने की बात करते हुए कहा है कि यह वैश्विक समस्या है और हम आतंकवाद के खिलाफ भारत का पुरजोर समर्थन करते हैं। हम जानते हैं कि पाकिस्तान से दहशतगर्दों को फंडिंग होती है जिसकी हम भर्त्सना करते हैं ।

370 हटाना सही फैसला ।

डेलीगेशन के लोगों का कहना था कि धारा 370 को हटाना सही फैसला है और ये भारत का आंतरिक मसला है, ऐसे में किसी अन्य देश को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए । कश्मीर के लोगों में अब काफी उम्मीदें जगी हैं । कश्मीर के लोग विकास और शांति चाहते हैं । लेकिन हमें दुख है कि हमारे दौरे को गलत नजरिये से देखा गया । हमें भारत की राजनीति से कोई लेना देना नहीं है । भारत की पॉलटिक्स में हस्तक्षेप करना हमारा काम नहीं । हम पर फ़ासिस्ट होने का आरोप लगाया गया। यदि हम नाजीवादी और फ़ासिस्ट होते तो हमारे देश की जनता हमें नहीं चुनती।

आतंकवाद किसी भी देश को तबाह करे तो यह वैश्विक चिंता है । कुछ रिपोर्ट को देखते हुए हमारा मकसद लोगों से सिर्फ मिलना था । कश्मीर में हम हालात बेहतर करने में मदद करेंगे । यहाँ की सरकार और सेना समस्या को सुलझाने की काफी कोशिश कर रही है । लेकिन भारत सरकार को विपक्षी पार्टियों को भी कश्मीर दौरे की मंजूरी देनी चाहिए ।

ग्राउंड रिपोर्ट से जानकारी हासिल करने आया था।

यूरोपीय संसद के सदस्य थेरी मरियानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं करीब 20 बार भारत आ चुका हूं। इससे पहले दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में गया था। हमारा लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को लेकर जानकारी हासिल करना था। कश्मीर में स्थितियां अब लगभग सुलझने को हैं। एक सांसद ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक समस्या है, जिससे हम सभी लोग जूझ रहे हैं। इस मसले पर हमें भारत का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमने अपने दौरे में ऐक्टिविस्ट्स से मुलाकात की, जिन्होंने शांति को लेकर अपना विजन बताया। मरियानी ने कहा कि हमने सिविल सोसायटी के लोगों से भी मीटिंग की।

दौरे के दौरान आतंकी घटनाएं और मज़दूरों की हत्या को बताया दर्दनाक

यूरोपीय डेलीगेशन ने मजदूरों की हत्या को दर्दनाक बताया। उन्होंने कहा कि आतंकियों की ओर से ऐसी हत्याएं किया जाना दर्दनाक है। उन्होंने कहा कि भारत का हमेशा से शांति का इतिहास रहा है। हमने सिविल सोसायटी के लोगों समेत अलगाववादीयों से भी मुलाकात की। उन्होंने भी कश्मीर के विकास का अपना खाका बताया और आगे बढने की बात की । लेकिन कश्मीर में हो रहे भ्रष्टाचार पर उन्होंने अपनी चिंता भी ज़ाहिर की और कहा कि वहां के लीगों में इस बात की नाराजगी है कि केंद्र सरकार से आने वाल पैसा उन तक नहीं पहुँचा, भ्रष्टाचार की भेट चढता रहा। डेलीगेशन का कहना था कि भारत में शांति और कश्मीर के विकास के लिए हमें भारत को समर्थन करने की जरूरत है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

गौरतलब है कि यूरोपीय संसद के 23 सदस्य मंगलवार को दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे थे। उनके इस दौरे को लेकर विपक्षी दलों ने वाहियात सवाल उठाए हैं कि जब देश के सांसदों को एयरपोर्ट से ही लौटा दिया जा रहा है तो फिर विदेशी सांसदों को कश्मीर में एंट्री क्यों दी गई ? जबकि हकीकत यह है कि आज की तारीख मे किसी के भी आने जाने पर कोई रोक नहीं है। देसी – विदेशी पर्यटक इस समय कश्मीर घाटी मे बेधड़क घूम रहे हैं ।

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