नई दिल्ली। अयोध्या विवाद की सुनवाई के 27 दिन पूरे हो गए हैं। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। इस बीच मुस्लिम पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि दोनों पक्षों के बीच समझौते की शर्तों की जानकारी को लीक किया गया है और इसे गोपनीय नहीं रखा गया। मुस्लिम पक्ष की ओर से कोर्ट में दलील पेश कर रहे वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि मध्यस्थता के दौरान कुछ ऐसे मसले, जिनपर चर्चा की गई थी, उन्हें गोपनीय नहीं रखा गया और लीक कर दिया गया।

ट्विटर पर लीक की गई जानकारी

धवन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में इस पूरे मसले की सुनवाई के दौरान कहा कि इस मध्यस्थता के दौरान कुछ अहम सबूत और राय जिनपर चर्चा की गई थी, उसे ट्विटर पर लीक कर दिया गया। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने, जो नवंबर माह में रिटायर हो रहे हैं और उन्होंने अयोध्या विवाद की सुनवाई की अंतिम तारीख 18 अक्टूबर तय की है, कहा कि संवैधानिक पीठ इस मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर को नहीं करेगी।

भविष्य पर होगा बड़ा असर

शुक्रवार को अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से दायर जवाब पर अपनी दलील पेश करते हुए मुस्लिम पक्ष ने कहा कि अयोध्या मामले में कोर्ट के फैसले का भविष्य पर काफी वृहद और बड़ा असर होगा क्योंकि भविष्य में जो भी मस्जिद विवाद से जुड़े मामले कोर्ट में पहुंचेंगे उसके लिए इस फैसले का हवाला दिया जाएगा। धवन ने कहा कि इस लिहाज से भविष्य में कोर्ट के भीतर आने वाले सभी मस्जिद विवाद के मसलों का अयोध्या विवाद पर कोर्ट के फैसले का असर होगा क्योंकि इसकी काफी अधिक महत्ता है।

मध्यस्थता जारी रहे

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद की सुनवाई की अंतिम तारीख 18 अक्टूबर तय की है, साथ ही यह भी कहा है कि इस मसले पर मध्यस्थता पैनल अपनी प्रक्रिया को जारी रख सकता है। कोर्ट की ओर से कहा गया है कि अगर मध्यस्थता पैनल किसी नतीजे पर पहुंचता है तो वह इसकी रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में दायर कर सकता है।

साभार

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