नीरज राजपूत
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में आज स्वर्णिम दिन है. सोमवार को नौसेना को अपनी पहली महिला पायलट मिल गई है. सब लेफ्टिनेंट शिवांगी को केरल के कोच्चि में सैन्य परंपरा के तहत ‘विंग्स’ पहनाए गए. कोच्चि में नौसेना की दक्षिणी कमान के आईएनएस गरूण एयर बेस पर कमांडिंग इन चीफ, वाइस एडमिरल ए के चावला ने शिवांगी सहित दो अन्य पुरूष पायलट्स को विंग्स पहनाएं. विंग्स पहनाने के बाद वह नौसेना की पायलट बन गईं. इस समारोह के बाद शिवांगी नौसेना के टोही विमान, डोरनियर को समंदर के ऊपर उड़ाने के लिए तैयार हो गई हैं. हालांकि अभी अगले छह महीने उन्हें आईएनएस गरूण पर ही ऑपरेशन्ल मेरीटाइम रेनोकोसेंस की ट्रेनिंग दी जायेगी. उसके बाद उन्हें लेफ्टिनेंट की रैंक मिलेगी और देश की समुद्री-सीमाओं की निगहबानी करेंगी. इसके अलावा डोरनियर एयरक्राफ्ट, समंदर में सर्च एंड ऑपरेशन भी करता है.
इस मौके पर एबीपी न्यूज़ से आईएनएस गरूण के रनवे पर डोरनियर एयरक्राफ्ट्स के साथ खास बातचीत करते हुए सब लेफ्टिनेंट शिवांगी ने कहा कि उन्होनें सपना में भी नहीं सोचा था कि वे कभी इतिहास का हिस्सा बन जायेंगी, लेकिन बचपन से ही वह हेलीकॉप्टर उड़ाना चाहती थी. ऐसे में जब इंजीनियरिंग करते हुए नौसेना उनके कॉलेज में पहुंची और नौसेना शामिल करने के लिए प्रेरित किया तो वह नौसेना में शामिल हो गईं.
बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली शिवांगी ने मनिपाल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल में बीटेक की पढ़ाई की है.उनके पिता एक स्कूल टीचर हैं. शिवांगी ने नौसेना का शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) का 27वें एनओसी कॉर्स ज्वाइन किया था और पिछले साल यानि जून 2018 में केरल के एझीमाला स्थित इंडियन नेवल एकेडमी में अपनी कमीशनिंग पूरी कर ली थी. करीब डेढ़ साल पायलट की ट्रेनिंग करने के बाद अब शिवांगी नौसेना की पहली महिला पायलट बन गई हैं.
इस मौके पर एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए दक्षिणी कमान के कमांडिंग इन चीफ, वाइस एडमिरल ए के चावला ने कहा कि शिवांगी के पायलट बनने से महिलाओं को नौसेना में कॉम्बेट रोल का लगभग खुल गया है, क्योंकि शिवांगी के बाद महिलाएं अब नौसेना के एंटी सबमरीन-एयरक्राफ्ट, पी8आई पर भी तैनात की जा सकती हैं. साथ ही नए युद्धपोतों में महिलाओं के अनुरूप इंफ्रास्टक्रचर तैयार किया जा रहा है ताकि उनकी तैनाती भी की जा सके. शिवांगी के मुताबिक, युद्ध के समय भी टोही विमान ही हमले के लिए जानकारी जुटाते हैं. ऐसे में वे खुद के लिए नौसेना के डोरनियर विमान में कॉम्बेट रोल ही देंख रही हैं.
सब लेफ्टिनेंट शिवांगी के मुताबिक, जैसाकि नील आर्मस्ट्रांग (चांद पर कदम रखने वाले पहले शख्स जो पेशे से नेवल-पायलट) ने कहा था कि दुनिया में सबसे मुश्किल काम नेवल-फ्लाईंग है लेकिन वो इस मिशन को करने के लिए बेहद रोमांचित हैं. नौसेना दिवस से पहले सब लेफ्टिनेंट शिवांगी का पायलट बनना महिलाओं के लिए एक बड़ा सम्मान है. 4 दिसम्बर को नौसेना अपना 48वां स्थापना दिवस मना रही है.
ये स्थापना दिवस 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारतीय नौसेना की बड़ी और निर्णायक कारवाई में विजय के तौर पर मनाया जाता है. नौसेना में करीब 70 हजार नौसैनिक और अधिकारी हैं. लेकिन महिलाओं की संख्या है मात्र 672 है. अभी तक नौसेना में महिलाएं प्रशासन, कम्युनिकेशन, इंजीनियरिंग, एजुकेशन इत्यादि ब्रांच में ही थी, लेकिन अब कॉकपिट के दरवाजे भी खुल गए हैं. आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना ने महिलाओं को कॉम्बेट रोल दे दिया है. वायुसेना की तीन महिला पायलट फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं.