प्रधानमंत्री महिला नेतृत्व में विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमन्त्री महिला किसान ड्रोन केंद्र का शुभारंभ करेंगे
अगले तीन वर्षों में महिला स्वयं सहायता समूहों को 15,000 ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे
प्रधानमंत्री एम्स देवघर में ऐतिहासिक 10,000वां जन औषधि केंद्र समर्पित करेंगे
प्रधानमंत्री देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने के कार्यक्रम की भी शुरुआत करेंगे
दोनों पहल इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान प्रधानमंत्री के किए गए वादों की पूर्ति का प्रतीक हैं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30 नवंबर को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से बातचीत करेंगे। विकसित भारत संकल्प यात्रा पूरे देश में सरकार की प्रमुख योजनाओं की संपूर्ण पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन योजनाओं का लाभ समयबद्ध तरीके से सभी लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे।

महिलाओं के नेतृत्व में विकास सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है। इस दिशा में एक और कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री महिला किसान ड्रोन केंद्र का शुभारंभ करेंगे। यह केन्द्र महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करेगा ताकि वे इस तकनीक का उपयोग आजीविका सहायता के लिए कर सकें। अगले तीन वर्षों के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों को 15,000 ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे। महिलाओं को ड्रोन उड़ाने और उपयोग करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह पहल कृषि में प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करेगी।

स्वास्थ्य देखभाल को किफायती और आसानी से सुलभ बनाना प्रधानमंत्री के स्वस्थ भारत के दृष्टिकोण की आधारशिला रही है। इस दिशा में एक प्रमुख पहल किफायती कीमतों पर दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र की स्थापना रही है। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री एम्स, देवघर में ऐतिहासिक 10,000वें जन औषधि केंद्र को समर्पित करेंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री देश में जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने के कार्यक्रम की भी शुरुआत करेंगे।

महिला एसएचजी को ड्रोन उपलब्ध कराने और जन औषधि केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने की इन दोनों पहलों की घोषणा प्रधानमंत्री ने इस साल की शुरुआत में अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान की थी। 30 नवंबर का यह कार्यक्रम इन वादों को पूरा करने का प्रतीक है।