विशेष संवाददाता

नई दिल्‍ली। प्‍याज की आसमान छूती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए अभी तक के सभी प्रयास असफल होते दिखाई दे रहे हैं। विदेशों से प्‍याज का आयात करने और प्‍याज व्‍यापारियों के लिए स्‍टॉक लिमिट घटाने जैसे बड़े कदम उठाने के बाद भी देश में प्‍याज उपभोक्ताओं की आखों से आंसू निकाल दिए हैं। क्यों न निकलते, क्योँकि जो प्याज पिछले साल 10-15 रुपये किलो मिल रहा था आज खुदरा बाजार में 150 रुपए प्रति किलो पर उछल कर अंत तक ढटा रहा।

उपभोक्‍ता मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक बुधवार को कोझीकोड में प्‍याज का खुदरा मूल्‍य 150 रुपए प्रति किलोग्राम बताया गया है। वहीं त्रिसूर में प्‍याज का खुदरा भाव 145 रुपए प्रति किलो, तिरुवनंतपुरम में 140 रुपए प्रति किलो, पलक्‍कड में 130 रुपए किलो, पोर्टब्‍लेयर में 130 रुपए प्रति किलो, पणजी में 145 रुपए किलो और मुंबई में 120 रुपए किलो बिक रहा है।

इससे पहले सरकार ने मंगलवार को प्याज व्यापारियों के लिए स्टॉक की सीमा घटा दी थी।  प्याज के थोक कारोबारी 25 टन से ज्यादा प्याज का स्टॉक नहीं रख सकेंगे, जबकि प्याज के रिटेल कारोबारियों के लिए यह लिमिट सिर्फ 5 टन निर्धारित की गई है। व्यापारियों के पास सरकार की तय लिमिट से ज्यादा प्याज पाया गया तो उनके ऊपर आवश्‍यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। हालांकि सरकार ने प्याज आयात करने वाले कारोबारियों को इस सीमा से बाहर रखा है।

उत्तर भारत के शहरों की बात करें तो उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक मंगलवार को चंडीगढ़ में भाव 100 रुपए किलो, दिल्ली में 94 रुपए किलो, जम्मू में 100 रुपए किलो और मेरठ में भी 100 रुपए किलो दर्ज किया गया। प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार अपनी तरफ से कई प्रयास कर रही है लेकिन प्याज के आगे सरकार के सारे प्रयास हारते हुए नजर आ रहे हैं।

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