विकास यादव
मुख्य नगर संवाददाता

हैदराबाद में वेटेनरी डॉक्टर के साथ गैंगरेप के मामले को लेकर जहां पूरा देश आहत है वहीं काशी की बेटी न्याय के लिए भटक रही है। इस किशोरी के साथ पहले गैंगरेप किया गया और बाद में उसे जिस्म के सौदागरों को सौंप दिया गया।

मजिस्ट्रेट के सामने हल्फिया बयान भी हुआ, रेप के साथ पाक्सो एक्ट भी लगा, लेकिन कैंट थाना पुलिस समूचे मामले को घोंट गई। जानते हैं क्यों? दरअसल, गैंगरेप और किशोरी के जिस्म का सौदा करने वाला देश के महायोद्धा वीर अब्दुल हमीद का पोता जमील आलम है। जमील बनारस के कैंट रेलवे स्टेशन पर टिकट कलेक्टर है। रेल प्रशासन ने भी इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

गैंगरेप की शिकार बनारस की बेटी पर हुए जुल्म की दास्तां बेहद शर्मनाक और खौफनाक है। कैंट स्टेशन पर जमील आलम ने पीड़िता से दोस्ती करने के बाद देश के बड़े राजनेताओं के साथ अपनी दादी रसूलन के साथ की तस्वीरें दिखाई और फिल्मों में काम दिलाने का ख्वाब भी दिखाया। पीड़िता जमील की बातों में आकर 19 अक्टूबर 2019 को कैंट स्टेशन से पांच अन्य लड़कियों के साथ मुंबई पहुंच गई। जमील ने सभी लड़कियों को मायानगरी के अंधेरी स्थित तारांकित होटल अर्बन कोर्ट में रखा। जमील के साथ मुंबई में रिजवान नाम का एक युवक भी ठहरा था। भोजन के बाद सभी लड़कियों को फिल्म डायरेक्टर से मिलवाने का झांसा दिया गया। खाना खाते ही लड़कियों ने सुध-बुध खो दी । इसके बाद जमील और उसके साथियों ने पीड़िता समेत सभी लड़कियों के साथ गैंग रेप किया। पीड़िता के मुताबिक जब उसे होश आया तो वो और उसके साथ की सभी लड़कियां वस्त्रविहीन थीं। मानसिक और शारीरिक पीड़ा से कराह रही लड़कियों को सुबह एहसास हुआ कि जमील उनका सौदा कर रहा है। पीड़िता के मुताबिक उसने शोर मचाया और पुलिस से शिकायत करने की धमकी दी। इसके बाद जमील ने गैंगरेप की वीडियो क्लिप दिखाकर धमकाया। इसके बाद रोजाना लड़कियों की अस्मत लूटी जाने लगी। एक दिन मौका पाकर पीड़िता भाग निकली और दादर एक्सप्रेस से इलाहाबाद पहुंची। रेलवे पुलिस के अफसरों को आपबीती सुनाई तो सबके होश उड़ गए।

इलाहाबाद रेलवे पुलिस ने 12 नवंबर को कैंट थाना पुलिस को पीड़िता के साथ हुई वारदात की जानकारी दी। अगले दिन 13 नवंबर को कैंट पुलिस उसे बनारस लेकर पहुंची। इससे पहले तीन नवंबर को पीड़िता के पिता ने अपनी बेटी के अपहरण की कैंट थाने में रपट दर्ज कराई थी।

पीड़िता के मुताबिक कैंट पुलिस क्षेत्राधिकारी मुश्ताक अहमद ने पूछताछ की तो मामला खुलता चला गया। बाद में 17 नवंबर को जमील आलम और उसकी पत्नी पांडेयपुर इलाके में स्थित उसके घर पर पहुंचे और उसे केस वापस लेने के लिए धमकाया। इस बीच पुलिस भी पहुंची। जमील को पकड़ा भी, लेकिन मामला हाईप्रोफाइल होने के कारण उसे छोड़ दिया।

गैंगरेप के मामले में 20 नवंबर 2019 को मजिस्ट्रेट सुधा यादव के सामने पीड़िता ने हल्फिया बयान दर्ज कराया। पीड़िता की कहानी सुनने के बाद मजिस्ट्रेट के आंसू छलक आए। बाद में सुधा यादव ने कैंट थाना प्रभारी और सीओ को कड़ी फटकार लगाई। मजिस्ट्रेटी बयान के तुरन्त बाद गैंगरेप के मामले के साथ कैंट पुलिस ने दो और गंभीर धाराएं भी जोड़ दी। जिसमें अनैतिक देह व्यापार के साथ अभियुक्तों पर पाक्सो एक्ट भी लगा दिया गया।

उल्लेखनीय है कि पीड़िता ने इस मामले में दो अन्य युवक-उत्कर्ष तिवारी व विशाल मौर्य को भी अभियुक्त बनाया है। पिछले 13 दिनों से पीड़िता न्याय पाने लिए दर-दर भटक रही है। मंगलवार को पीड़िता और उसके पिता रविंद्रपुरी स्थित पीएम के संसदीय कार्यालय पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। खबर है कि यूपी की महिला आयोग की सदस्य मीना चौबे ने बुधवार को इस पूरे प्रकरण की गहन पड़ताल करने का निर्णय लिया है।

आलम यह है कि डीजीपी, एडीजी और आईजी के कड़े निर्देश के बावजूद कैंट थाना पुलिस पर कोई असर नहीं है। एक तरह से पुलिस इस मामले को घोंट चुकी है। पुलिस ने एफआईआई का ब्योरा रेलवे के अफसरों के पास नहीं भेजा है। इसलिए मुख्य अभियुक्त जमील आलम मजे से रेलवे की नौकरी कर रहा है। वीर अब्दुल हमीद के पोते ने समूचे कुनबे की नाक कटवा दी है। अभियुक्त को पुलिसिया संरक्षण गैंग रेप की पीड़िता को अब भारी पड़ रही है। पुलिस अफसरों का हाल यह है कि उन्होंने दीपिका के मेडिकल जांच के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने के लिए अभी तक प्रशासन को चिट्ठी तक नहीं लिखी है।

रसूलन बीवी बन जातीं ढाल और बच जाता था जमील

साल 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के हीरो रहे परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद का पोता जमील आलम ही अपनी दादी रसूलन बीवी को लेकर नेताओं और अफसरों के यहां पहुंचता था। इसी साल दो अगस्त को रसूलन बीवी की मौत हो गई। इनके परिवार में चार पुत्र, एक पुत्री, नाती और पोते हैं।

अभियुक्त जमील आलम के पिता जुनैद आलम भी रेलवे में मुलाजिम हैं। ये काशी स्टेशन पर बुकिंग क्लर्क पर तैनात हैं। जमील के कई अन्य परिजन सेना में हैं। जमील मूल रूप से गाजीपुर जिले के धामूपुर का निवासी है। इसके पिता जुनैद अब्दुल हमीद के सबसे छोटे बेटे हैं। पांडेयपुर पुलिस ने हाल में जमील को कुछ लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हुए पकड़ा था। तब भी वो अपने ऊंचे रसूख के चलते बच निकला था।

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