दुष्कर्म के आरोपों के बाद देश छोड़कर भाग जाने वाले ‘स्वयंभू बाबा’ नित्यानंद को लेकर इक्वाडोर दूतावास ने बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि न तो नित्यानंद को इक्वाडोर ने शरण दी है और न ही उसे दक्षिण अमेरिका में इक्वाडोर के पास या दूर कोई जमीन या द्वीप खरीदने के लिए किसी तरह की कोई मदद की गई है। 

नित्यानंद की शरण की अर्जी खारिज

इक्वाडोर दूतावास के बयान में साफ किया गया है कि ‘नित्यानंद ने अंतरराष्ट्रीय निजी संरक्षण (शरण) के लिए इक्वाडोर से आग्रह किया था जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद नित्यानंद ने इक्वाडोर छोड़ दिया और संभवत: हेती के लिए रवाना हो गय ।’

बयान में कहा गया है कि जो भी भारत के डिजिटल और प्रिंट मीडिया में प्रकाशित हुआ है वो ‘कैलासा डॉट ओआरजी’ पर दी गई कथित जानकारी से लिया गया है। ये वेबसाइट संभवत: नित्यानंद और उसके लोगों की ओर से संचालित है। इसलिए सभी डिजिटल और प्रिंट मीडिया हाउस से अपील है कि नित्यानंद पर कोई भी जानकारी देते वक्त इक्वाडोर का नाम लेने से बचें।’

बयान के मुताबिक ‘ऐसी जो भी रिपोर्ट है कि नित्यानंद इक्वाडोर में एक द्वीप पर मौजूद है, ये सब नित्यानंद की वेबसाइट ‘कैलासा’ से लिया गया है। हम नित्यानंद की अपनी जमीन पर मौजूदगी से साफ तौर पर इनकार करते हैं।’ यहां भारत में विदेश मत्रालय ने नित्यानंद को लेकर कहा है कि उसका पासपोर्ट रद कर दिया गया है।

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