प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार को आर्थिक मोर्चे पर फिर से झटका लगा है। शुक्रवार 29 नवंबर  को एक समाचार एजेंसी ने केंद्र सरकार के हवाले से बताया कि दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी 4.5 फीसदी रही, जबकि पहली तिमाही में यह पांच फीसदी थी।सरकार ने इसी के साथ यह भी बताया कि अक्टूबर में करीब आठ करोड़ इंडस्ट्रीज के आउटपुट में 5.8% की गिरावट दर्ज की गई।

छह महीने के समयकाल (अप्रैल-सितंबर 2019) के दौरान देश की अर्थव्यवस्था 4.8 प्रतिशत पर थी, जबकि एक साल पहले इसी वक्त पर यह आंकड़ा 7.5 फीसदी था।

इससे पहले, भारतीय रिजर्व बैंक ने जीडीपी विकास दर के अनुमान में कमी जताते हुए इसे 2019-20 में 6.1 फीसदी रहने की आशंका जताई थी। सर्वोच्च बैंक ने इससे पहले इसके 6.9 फीसदी रहने की उम्मीद जाहिर की थी। बता दें कि चीन की विकास दर जुलाई-सितंबर  में छह फीसदी रही।

बुनियादी क्षेत्र के उद्योगों के उत्पादन में गिरावट

 देश में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों का उत्पादन अक्टूबर में 5.8 प्रतिशत घटा है जो आर्थिक नरमी के गहराने की ओर इशारा करता है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि आठ प्रमुख उद्योगों में से छह में अक्टूबर में गिरावट दर्ज की गई। कोयला उत्पादन अक्टूबर में 17.6 प्रतिशत, कच्चा तेल उत्पादन 5.1 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का उत्पादन 5.7 प्रतिशत गिरा है।

वहीं, सीमेंट उत्पादन 7.7 प्रतिशत, स्टील 1.6 प्रतिशत और बिजली उत्पादन 12.4 प्रतिशत गिर गया। समीक्षावधि में सिर्फ उवर्रक क्षेत्र में सालाना आधार पर 11.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसी बीच, रिफाइनरी उत्पादों की वृद्धि दर घटकर 0.4 प्रतिशत पर आ गयी जो पिछले साल इसी माह में 1.3 प्रतिशत थी।

अक्टूबर 2018 में बुनियादी क्षेत्र के इन आठ उद्योगों के उत्पादन में 4.8 प्रतिशत की बढ़त देखी गई थी। इस साल अप्रैल-अक्टूबर अवधि में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों की वृद्धि दर गिरकर 0.2 प्रतिशत रही जो पिछले साल इसी अवधि में 5.4 प्रतिशत थी। पिछले माह सितंबर में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों का उत्पादन सालाना आधार पर 5.1 प्रतिशत गिरा था जो एक दशक का सबसे सुस्त प्रदर्शन था।

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