इस्लामाबाद पाकिस्तान में तख्तापलट की आशंकाओं के बीच सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मुलाकात कर प्रधानमंत्री इमरान खान छुट्टी पर चले गए हैँ। वहीं, सत्ता में भागीदार मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान के वरिष्ठ नेता ख्वाजा इजाहरुल हसन ने उम्मीद जाहिर की है कि अगर इमरान सरकार ने अर्थव्यवस्था की स्थिति नहीं सुधारी तो ऐसा लग नहीं रहा है कि यह सरकार अगले बजट तक चल पाएगी।

इससे पहले सरकार की सहयोगी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद के शीर्ष नेता भी सार्वजनिक रूप से सरकार की नीतियों से असहमति जता चुके हैं। पाकिस्तानी मीडिया के मानें तो इमरान ने प्रधानमंत्री बनने के बाद से एक भी छुट्टी नहीं ली है। बाजवा और इमरान की यह मुलाकात दो माह बाद हुई है। दोनों की बॉडी लैंग्वेज में फर्क था और यह मुलाकात सहज नहीं थी। इससे इमरान के तख्तापलट की आशंकाओं को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा हो रही है। वहीं, कयासबाजी के बीच पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक कार्यक्रम में  बताया कि सरकार के साथ कोई मतभेद नहीं है। सेना सरकार का समर्थन कर रही है।

जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर्रहमान का इमरान खान के खिलाफ आज़ादी मार्च भी इसका एक कारण हो सकता है। मौलाना ने इमरान खान पर इस्तीफे का दबाव बढ़ाने के लिए अब पूरे देश में प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।

आजादी मार्च के नाम पर हुआ सर्कस : इमरान

वहीं, सोमवार को ऐबटाबाद जिले में हजारा मोटर-वे के दूसरे चरण का शिलान्यास करते हुए इमरान ने खुद को धरना विशेषज्ञ बताया है। इमरान ने कहा कि राजधानी में आजादी मार्च के नाम पर सर्कस किया गया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने 2014 में 126 दिन तक विरोध प्रदर्शन किया था जबकि मौलाना के प्रदर्शनकारी एक माह तक भी प्रदर्शन जारी नहीं रख सके।

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