विकास यादव
मुख्य नगर संवाददाता

वाराणसी : झंडा दिवस के मौके शनिवार को पुलिस कर्मियों ने झंडा दिवस व उसके महत्व के बारे में जाना। वाराणसी पुलिस लाइन में ध्वजारोहण के बाद एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि यह तिथि पुलिस के लिए ऐतिहासिक है। यह ध्वज पुलिस के गौरवशाली अतीत का जीवंत प्रतीक है।

प्रभाकर चौधरी, एसएसपी वाराणसी

सुबह पुलिस लाइन परिसर में एसएसपी ने ध्वजारोहण के बाद उपस्थित पुलिस कर्मियों को झंडा दिवस के महत्व के संबंध में बताया। पुलिस ध्वज से पुलिस कर्मियों में नई ऊर्जा का संचार होता है। विभाग के वीर जवानों के शौर्य, कर्तव्यपरायणता एवं उत्कृष्ट कर्तव्यनिष्ठा के फलस्वरूप देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस को ध्वज प्रदान किया था। एसएसपी ने कहा कि हमें गर्व के साथ धैर्य पूर्वक न्यायपूर्ण कार्य करते हुए पुलिस विभाग की छवि को बढि़या से बढि़या बनाना है। पुलिस ध्वज की गरिमा को बढ़ाना है। वहीं जिले के सभी थाना प्रभारियों ने भी अपने-अपने थाने में झंडा दिवस के मौके पर ध्वजारोहण किया और पुलिस झंडे को सलामी दी गई।

सीओ लाइन को झंडा स्टीकर लगाते हुए आरआई संदीप कुमार राय

ध्वजारोहण कार्यक्रम में मुख्य रूप से पुलिस अधीक्षक ग्रामीण मार्तंड प्रकाश सिंह, आरआई प्रथम संदीप कुमार राय, आरआई द्वितीय अनुपम सिंह, मेजर कन्हैया राय उपस्थित रहे।

पुलिस झंडा दिवस

यूपी पुलिस के इतिहास में 23 नवम्बर का दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन को ‘पुलिस झंडा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 23 नवम्बर 1952 के बाद प्रति वर्ष सैनिक कल्याण के लिए झंडे के स्टीकर जारी किए जाते हैं। पुलिस झंडा दिवस यानि प्रति वर्ष 23 नवंबर को पुलिस मुख्यालयों व कार्यालयों, पीएसी वाहिनियों, क्वार्टर गार्द, थानों, भवनों व कैम्पों पर पुलिस ध्वज फहराए जाते हैं। पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पुलिस ध्वज का प्रतीक (स्टीकर) वर्दी की बांई जेब के ऊपर लगाया जाता है। यह सिलसिला 23 नवंबर 1952 से लगातार जारी है।

क्यों मनाया जाता है

कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवाें के बीच हुए धर्म युद्ध में अर्जुन के रथ पर भी ध्वज पताका थी। ध्वज को धर्म की अधर्म पर विजय की प्रेरणा के तौर पर माना जाता है। ध्वज कर्तव्य का पाठ और मूल्यों के लिए संघर्ष, समर्पण सिखाता है। चूंकि पुलिस या सेना भी समाज में बुराई को दंंडित कराने और अच्छाई जीवित रखने के लिए, बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए कार्य करती है इसीलिए पुलिस को उनके शौर्य के लिए सम्मानित करते हुए 23 नवम्बर 1952 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश पुलिस को ‘पुलिस कलर’ (पुलिस ध्वज) प्रदान किया था। इसी दिन पीएसी को भी ध्वज प्रदान किया गया था।

एसएसपी प्रभाकर चौधरी को झंडा स्टिकर लगाते आरआई संदीप कुमार राय

लखनऊ पुलिस लाइन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने यह ध्वज यूपी पुलिस एवं पीएसी को प्रदान किए। तबसे उत्तर प्रदेश पुलिस 23 नवंबर को अपने लिए गौरवशाली दिन के रूप में मनाती है। इस दिन पुलिस मुख्यालयों व कार्यालयों, पीएसी वाहिनियों, क्वार्टर गार्द, थानों, भवनों व कैम्पों पर पुलिस ध्वज फहराए जाते हैं। पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पुलिस ध्वज का प्रतीक (पुलिस कलर स्टीकर) वर्दी की बांई जेब के ऊपर लगाया जाता है। प्रदेश के डीजीपी मुख्यमंत्री के सीने पर पुलिस कलर लगा कर बधाई देते हैं। इस दीन डीजीपी का संदेश प्रदेश भर में जिला स्तर पर सभी अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थों को सुनाया जाता है।

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