मौसमी पंछियों के जाल मे नहीं फंसना
अनिता चौधरी
राजनीतिक संपादक
पश्चिम बंगाल में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी सेंधमारी के बाद तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का हिन्दू वोट पर भाजपा तो टीस मार ही रहा है, मगर अब पश्चिम बंगाल के मुसलमानों की बदहाली को लेकर एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी की चिंता बंगाल की दीदी के लिए बड़ा डर बनाता जा रहा है ।
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में कार्यकर्ताओं के साथ चल रही एक बैठक में कहा कि
‘मैं देख रही हूं कि पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यकों के बीच कई कट्टरपंथी अपनी घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं। इनका ठिकाना हैदराबाद में है। आप लोग इन पर ध्यान मत दीजिएगा । ये मौसमी पंछी है जो कुछ समय के लिए आते हैं और शोर मचा कर चले जाते हैं । यही नहीं दीदी ने ओवैसी को बीजेपी की “बी” टीम बताते हुए कहा कि ये अल्पसंख्यकों की चिंता नहीं कर रहे बल्कि इनको बहला कर भाजपा की मदद कर रहे हैं इसलिए इनकी बातों में नहीं आना है।”
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार राजनीतिक कट्टरता का ज़िक्र किया है । माना जा रहा है कि इस बयान के साथ ही आने वाले समय में बीजेपी से मुकाबले के लिए राजनीतिक रणनीति में ममता बनर्जी ने बड़ा बदलाव किया है । बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि मैं तृणमूल के नेताओं से बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की अपील करती हूं। हमारे कार्यकर्ता पार्टी के लिए मूल्यवान हैं। अगर ओवैसी या बीजेपी जहर उगलती है तो टीएमसी उनके उगले जहर को नहीं निगलेगी। यही नहीं इस बैठक के बाद ममता बनर्जी कूचबिहार स्थित मदन मोहन मंदिर गईं और प्रार्थना की।
दीदी का ये नया अंदाज़ सबको बेहद चकित कर रहा है । एक तरफ जहां कूच बिहार जो कि एक हिन्दू बहुल क्षेत्र है वहां मंदिर जा कर हिन्दू वोट साधने की कोशिश कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ अपनी बातचीत में अल्पसंख्यकों का ज़िक्र कर के उसमें भी अपनी पैठ मज़बूत रखना चाह रही हैं । बता दें कि बंगाल में मुस्लिम वोट तृणमूल की मजबूती है । लेकिन इन सब के बीच हैदराबाद के ओवैसी को मौसमी पंछी बता कर उनसे बचने की जो नसीहत दी है उससे ये साफ जाहिर हो रहा है दीदी को एमआईएम वाले असदुद्दीन ओवैसी का डर सता रहा है । इधर कुछ दिनों से जिस तरह से ओवैसी बंगाल के अल्पसंख्यक वर्ग के लिए चिंता जाहिर कर रहे है इससे साफ है कि बिहार उपचुनाव में सफलता के बाद उनके हौसले बुलंद हुए हैं और असुद्दीन ओवैसी अब हैदराबाद से आगे भी अपना पैर पसारना चाहते हैं । ममता बनर्जी 2019 आम चुनाव में बीजेपी की बेमिसाल परफॉर्मेंस से सबक ले चुकी हैं । और अब किसी भी हाल में अपने अल्पसंख्यक वोट में किसी भी तरह का घुसपैठ नहीं चाहती हैं ।
इधर ममता बनर्जी की चिंता पर असुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर जवाब दिया है और अपने जवाब में सवाल करते हुए पूछा है कि आखिर बंगाल में बीजेपी 42 में से 18 लोकसभा सीट कैसे जीत गई? उन्होंने अपने ट्वीट में कहा हैं कि बंगाल में मुसलमानों को मूलभूत मानवीय सुविधाएं मयस्सर नहीं हो रही है ऐसे में उन पर सवाल उठाना कौन सी धार्मिक कट्टरता है ?
ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘यह कहना कि बंगाल के मुसलमानों का किसी भी अल्पसंख्यक के मानव विकास सूचकांकों में सबसे खराब में से एक होना धार्मिक कट्टरता नहीं है।’
ज़ाहिर सी बात है ओवैसी एक तरफ जिस तरह से मुसलमानों के मसीहा बनने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी अपने वोट बैंक संभालने में जुटी है । इन सब के बीच भाजपा ने पश्चिम बंगाल में अपना नारा जारी रखा है । अबकी बार बीजेपी की सरकार ।