जम्मू-कश्मीर में सेना और पुलिस को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिली है, मंगलवार को त्राल में हुई मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मारा गया है। इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों में गजवत-उल-हिंद का सरगना हामिद लल्हारी भी शामिल था, जिसे मौत के घाट उतारा गया है। 2016 में एक्टिव हुए लल्हारी ने जाकिर मूसा के बाद इस ग्रुप की कमान संभाली थी।

बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पुलिस DGP दिलबाग सिंह इस एनकाउंटर के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि त्राल के एनकाउंटर में तीन आतंकी मारे गए जो तीनों ही लोकल आतंकी थे। इनमें हामिद लल्हारी भी शामिल था।

दिलबाग सिंह ने कहा कि जाकिर मूसा के बाद इस ग्रुप की कमान हामिद लल्हारी को दी गई थी, इसी ने इस ग्रुप को दोबारा खड़ा किया। लल्हारी ने ही नावेद और जुनैद को शामिल किया, तीनों जैश के साथ काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजकल जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर और हिज्बुल के साथ मिलकर घाटी में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहा था।

कौन था हामिद लल्हारी?

जाकिर मूसा के द्वारा बनाए गए गजवत-उल-हिंद आतंकी संगठन की कमान इस वक्त हामिद लल्हारी के हाथ में ही थी। जाकिर मूसा के मारे जाने के बाद उसने इस संगठन को फिर से खड़ा किया और कश्मीरी युवाओं को आतंक के रास्ते पर लाने का काम किया।

हामिद लल्हारी 2016 में एक्टिव हुआ था, वह काकापोरा में आतंकी हमला, पुलिस अफसर फैयाज़ अहमद की हत्या और नागरिकों पर कई हमलों में शामिल रहा था। हामिद लल्हारी मुख्य रूप से अवंतिपोरा और पुलवामा में एक्टिव था।

हामिद लल्हारी से पहले जाकिर मूसा कश्मीर में अलकायदा की कमान संभालता था, 2017 में वह कश्मीर आतंकी संगठन का हेड बना था। मई 2019 में एक एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने उसे मार गिराया था।

DGP दिलबाग सिंह ने इस दौरान जम्मू-कश्मीर के युवाओं से एक बार फिर आतंक के रास्ते पर ना जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जो लोग पाकिस्तान के इशारों पर गलत रास्ते पर चल रहे हैं, वो सुधरें और वापस सही रास्ते पर आएं। उन्होंने कहा कि हथियार उठाने से कुछ नहीं होगा, वो सिर्फ मौत का एक जरिया है। हालांकि, उन्होंने ये भी दावा किया कि अब ऐसे युवाओं की रफ्तार काफी कम हुई है जो आतंक का रास्ता अपना रहे हैं।

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