नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर को चालू किए जाने के संग ऐसी आशंकाएं हैं कि पाकिस्तान द्वारा अपने खालिस्तान समर्थक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए इस पहल का इस्तेमाल किया जा सकता है। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) जैसे सिख कट्टरपंथी संगठनों ने पाकिस्तान जाने वाले तीर्थयात्रियों को कट्टरपंथी बनाकर अपने अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करने की योजना बनाई है।
सरकार ने जुलाई में कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की धारा-3 के तहत एसएफजे पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। पाकिस्तान ने इस साल अप्रैल में दावा किया था कि उसने एसएफजे पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन भारत को इस संबंध में अभी तक पाकिस्तान से कोई औपचारिक संचार प्राप्त नहीं हुआ है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एसएफजे को पाकिस्तान में स्थानीय आतंकवादियों को पैसा देने के लिए और आतंकवादियों को विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए समर्थन दिया जा रहा है। करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग ऐसे राष्ट्र-विरोधी तत्वों द्वारा किया जा सकता है, क्योंकि पाकिस्तान में इन समर्थक खालिस्तानी तत्वों द्वारा तीर्थयात्रियों से संपर्क किया जा सकता है। पाकिस्तान भारत में खालिस्तान समर्थक अभियान को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है।
खुफिया सूत्रों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान में कई गुरुद्वारों का इस्तेमाल अब भी खालिस्तान समर्थक अभियान को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। सूत्रों ने पाकिस्तान के कुछ गुरुद्वारों में पर्चे बांटे जाने के बारे में जानकारी साझा की है, जिसमें ‘सिख रेफरेंडम 2020’ के बारे में बात की गई है।
अवतार सिंह पन्नून और गुरपतवंत सिंह पन्नून की अध्यक्षता वाले एसएफजे ने एक अलग खालिस्तान राज्य की मांग की है। उन्होंने अलगाववादी अभियान, ‘सिख रेफरेंडम 2020’ की ऑनलाइन भी शुरुआत की है। अधिकारियों का कहना है कि साल 2007 में गठित एसएफजे ने पंजाब में स्वतंत्र और संप्रभु देश स्थापित करने के अपने प्राथमिक उद्देश्य के साथ केवल पिछले पांच वर्षो में ही प्रमुखता भी प्राप्त की ली थी।
अधिकारी ने कहा कि एसएफजे में आठ से 10 लोग शामिल हैं और इसके दो लाख के करीब लोग ऑनलाइन समर्थक हैं। पंजाब पुलिस ने एसएफजे और उसके सदस्यों के खिलाफ 10 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं, जबकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी एक मामले में इस समूह की जांच कर रही है।
करतारपुर कॉरिडोर से जुड़े अधिकारियों ने संकेत दिया कि परियोजना 31 अक्टूबर से पहले पूरी हो जाएगी और किसी भी खालिस्तान समर्थक एजेंडे को ध्वस्त करने के लिए एजेंसियां अलर्ट पर हैं। खालिस्तान के एजेंडे पर नजर रखते हुए गृह मंत्रालय ने ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली के लिए योजना बनाई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तीर्थयात्रियों का झुकाव ऐसे राष्ट्र विरोधी एजेंडे के प्रति न हो।
साभार : IANS