विशेष संवाददाता

राज्यसभा में मंगलवार को एसपीजी संशोधन बिल पास हो गया। बहस के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हम परिवार का नहीं, परिवारवाद का विरोध कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि कभी भी सुरक्षा स्टेटस सिंबल नहीं हो सकती है।

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि एसपीजी के नए बिल से अगर किसी का नुकसान होना है तो पीएम मोदी का होना है। क्योंकि पांच साल बाद उनकी एसपीजी सिक्योरिटी चली जाएगी। अमित शाह ने कहा कि देश में चंद्रशेखर जी, वी पी सिंह जी, नरसिम्हा राव जी, आई के गुजराल जी और मनमोहन सिंह जी की सुरक्षा को भी बदलकर जेड प्लस किया गया था। लेकिन कांग्रेस ने तब कोई नाराजगी नहीं दिखाई।

विधेयक राजनीति से प्रेरित-कांग्रेस

इससे पहले राज्यसभा में एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के विवेक तनखा ने कहा कि यह विधेयक राजनीति से प्रेरित हो कर लाया गया है जबकि सुरक्षा का मुद्दा पार्टी आधारित राजनीति से बहुत ऊपर होता है।

उन्होंने कहा कि 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एसपीजी का गठन हुआ। जब कानून बना तो प्रधानमंत्री और उनके परिवार को इसकी सुरक्षा के दायरे में लाया गया। ‘1989 में सरकार बदल गई। सबको पता था कि राजीव गांधी की जान को खतरा है। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार से अनुरोध भी किया गया। अंतत: 1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई। देश ने एक युवा नेतृत्व खो दिया।’

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