दुष्यंत की अमित शाह से मुलाकात के बाद जेजेपी के समर्थन की हो सकती है घोषणा

उधर कांग्रेस ने भी जेजेपी पर डोरा डाला

अनिता चौधरी
राजनीतिक संपादक

हरियाणा में सरकार बनाने में गोपाल कांडा से समर्थन लेने को लेकर जबरदस्त विरोध के बाद बीजेपी अब बैकफुट पर आ गयी है। बीजेपी ने निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा से किनारा कर लिया है। हरियाणा के राजनीतिक गलियारों की हलचल को अगर देखें तो जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी किंगमेकर की भूमिका में नज़र आ रही है। जेजेपी के संस्थापक दुष्यंत चौटाला को पार्टी में सर्वसम्मति के साथ विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ कर दिया है कि कोई भी पार्टी उनके लिए अछूती नहीं है जहां भी उन्हें मान सम्मान दिया जाएगा ,उनके मेनिफेस्टो में किये गए वादों को माना जायेगा उसके साथ समर्थन पर जेजेपी विचार कर सकती है। दुष्यंत ने कहा कि विधायक दल की कार्यकारणी की बैठक में बीजेपी के साथ सरकार बनाने को लेकर खुल कर चर्चा भी हुई। इधर सूत्र बताते है कि दुष्यंत चौटाला कि अमित शाह से सरकार बनाने को लेकर बात भी हुई है और अमित अपना अहमदाबाद दौरा बीच में ही छोड़ कर दिल्ली वापस आ चुके हैं।

जल्द ही हरियाणा में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी संसदीय दल की बैठक शुक्रवार को देर रात कभी भी हो सकती है। अमित शाह और दुष्यंत चौटाला की मुलाकात भी शुक्रवार देर रात डिनर पर हो सकती है। इसके बाद दिनों पार्टियां सरकार बनाने पर सकारात्मक ऐलान कर सकती हैं।

इन सब के बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता भूपेंद्र हुड्डा ने भी बयान दिया है कि दुष्यंत चौटाला का काँग्रेस पार्टी पूरा सम्मन करेगी। उनकी सभी बातें मानी जायेगी और जो रह जायेगा उस पर बैठ कर चर्चा भी की जाएगी।

इन सब के बीच दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि अगर बीजेपी वृद्धावस्था पेंशन 5100, किसान कर्जमाफी और युवाओं को रोजगार देने पर जेजेपी की शर्तों को पूरी करती है तो भाजपा को समर्थन दे सकते हैं। सूत्र बता रहे हैं कि जेजेपी और भाजपा के बीच उपमुख्यमंत्री, तीन मंत्री और एक राज्यसभा सीट के साथ केंद्र में मंत्री पद को लेकर मोल भाव चल रहा है।

बीजेपी ने अनिल जैन और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को हरियाणा के पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया है और शनिवार को चंडीगढ़ में इन दोनों के नेतृत्व में सरकार बनाने को लेकर विधायक दल की अहम बैठक होगी। जिसमें अगर दोनों पार्टियों में गठबंधन होता है तो सरकार बनाने में भूमिका को लेकर विस्तृत चर्चा होगी।

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