दिव्या गोयल

सिखों के पहले धर्मगुरु गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर पाकिस्तान के ननकाना साहिब से एक नगर कीर्तन शुरु होकर देशभर के कई शहरों से होकर गुजरेगा।

शनिवार को यह नगर कीर्तन पंजाब के लुधियाना शहर पहुंचा। गौरतलब है कि लुधियाना में यह नगर कीर्तन शुक्रवार शाम में गुरुद्वारा कटाना साहिब पहुंचा, लेकिन लुधियाना के लोगों ने कौमी एकता की मिसाल पेश करते हुए इस नगर कीर्तन का स्वागत किया। बता दें कि नगर कीर्तन शुक्रवार पूरी रात लुधियाना शहर में घूमा इस दौरान हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी मंदिर-मस्जिद के बाहर इस नगर कीर्तन का स्वागत किया।

बता दें कि यह नगर कीर्तन बीती 1 अगस्त को वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था। इस नगर कीर्तन में एक पालकी है, जिसमें पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब मौजूद है। यह नगर कीर्तन देर रात करीब 2 बजे लुधियाना की जामा मस्जिद के सामने पहुंचा, जहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसका स्वागत किया और श्रद्धालुओं को कड़ा प्रसाद खिलाया। इसके अलावा नगर कीर्तन में शामिल श्रद्धालुओं के लिए पानी, जूस और बिस्किट की भी व्यवस्था थी।

इसके बाद दोपहर 2.30 बजे यह नगर कीर्तन लुधियाना के दुर्गा मंदिर के सामने पहुंचा, जहां भी इसका स्वागत किया गया। इस दौरान हिंदू समुदाय के लोगों ने श्रद्धालुओं को फल आदि खाने को दिए। गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब, लुधियाना के अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह ने द संडे एक्सप्रेस को बताया कि यह देखना बेहद सुखद था कि हिंदू औ मुस्लिम वर्ग के लोगों ने नगर कीर्तन के स्वागत के लिए व्यवस्थाएं की हुई थीं।

उन्होंने बताया कि ‘गुरुनानक किसी एक धर्म से संबंधित नहीं थे। उन्होंने कभी धर्म को लेकर बातें नहीं कहीं और ये बताया कि सभी इंसान एक हैं। एक ही भगवान है। मंदिर और मस्जिद के प्रतिनिधियों ने हमसे मुलाकात की और नगर कीर्तन का स्वागत करने की इच्छा जाहिर की थी, जिससे हमें बड़ी खुशी हुई।’ बता दें कि नगर कीर्तन अब लुधियाना से राजकोट के लिए रवाना हो गया है।

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