साभार : अमर उजाला

योगी का सम्मान – फोटो : अमर उजाला

बाबा कीनाराम की जन्मस्थली पर गुरुवार को एक अच्छा संयोग देखने को मिला। अरसे बाद शैव संप्रदाय के दो पीठाधीश्वरों का मिलन एक मंच पर हुआ। एक तरफ बाण गंगा और दूसरी ओर गंगा इसकी साक्षी बनी।

साथ इसके गवाह जनपद ही नहीं गैर प्रांतों से आए संत और हजारों श्रद्धालु रहे। अघोराचार्य बाबा कीनाराम का जन्म विक्रम संवत 1658 में भाद्र मास की अघोर चतुर्दशी कृष्ण पक्ष में हुआ था। उनकी तपोस्थली रामगढ़ में प्रत्येक वर्ष जन्मोत्सव का आयोजन होता है।

बाबा कीनाराम के जन्मोत्सव में शामिल होने गुरुवार को सूबे के मुखिया और गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का आगमन हुआ। वहीं दूसरी ओर बाबा कीनाराम अघोर पीठ के पीठाधीश्वर श्री सिद्धार्थ गौतम राम भी बाबा की जन्मस्थली पहुंचे थे।

जहां दोनों पीठाधीश्वर एक साथ मंच पर जैसे ही आए वैसे ही हर हर महादेव और बाबा कीनाराम और बाबा गोरखनाथ के उद्घोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। वहीं लोगों में यह चर्चा भी शुरू हो गई कि अरसे बाद शैव संप्रदाय के दो पीठाधीश्वरों का मिलन हुआ है। जो काफी स्मरणीय व रमणीक है।

अपने उद्बोधन के दौरान खुद सीएम और गोरखनाथ पीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने भी ऐसे संयोग की चर्चा की तथा काफी समय के बाद दोनों पीठाधीश्वरों के मिलन को अद्भुत बताया। वहीं दोनों पीठाधीश्वरों ने बाबा कीनाराम को नमन किया। इसे देख कार्यक्रम उपस्थित हजारों श्रद्धालु दोनों पीठाधीश्वरों की जय जयकार करने लगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here