नई दिल्ली: परमाणु क्षमता से लैस सतह से सतह तक मार करने वाली बलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का शनिवार को पहली बार रात में परीक्षण हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अग्नि 3 का यह रात्रिकालीन परीक्षण सफल रहा। ओडिशा के बालासोर तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज से शनिवार रात 7 बजकर 20 मिनट पर मिसाइल का परीक्षण किया गया।अग्नि-3 तो वैसे पहले से ही सेना का हिस्सा है, लेकिन पहली बार रात को इसका सफल परीक्षण हुआ है।

3500 किलोमीटर की दूरी तक है मारक क्षमता

आपको बता दें कि इसका परीक्षण इंडियन आर्मी की स्ट्रैटजिक कमांड फोर्स ने किया है, और DRDO ने इसे लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया है। आधी रात को भी दुश्मन को ढेर कर देने वाली अग्नि-3 की सबसे बड़ी खासियत इसकी मारक क्षमता है। यह मिसालइ 3500 किलोमीटर की दूरी तक वार कर सकती है। अग्नि-3 का वजन करीब 50 टन है और यह डेढ़ टन न्यूक्लियर हथियार हथियारों को ले जाने सक्षम है। इस मिसाइल में ऑन-बोर्ड कंप्यूटर के साथ कंट्रोल पैनल जुड़ा है. अग्नि तीन लंबाई 17 मीटर और इसका डायमीटर 2 मीटर है। 

अग्नि-2 का भी नवंबर में ही हुआ था रात्रि परीक्षण

आपको बता दें कि नवंबर में ही भारत ने अग्नि-2 मिसाइल का भी पहला रात्रि परीक्षण किया था। यह विविधतापूर्ण मिसाइल सतह से सतह पर प्रहार करने की क्षमता रखती है और मध्यम दूरी की परमाणु क्षमता संपन्न मिसाइल है। एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर-4 में एक मोबाइल लांचर से परीक्षण के कुछ समय बाद सूत्रों ने बताया कि मिसाइल में 2000 किलोमीटर तक प्रहार करने की क्षमता है। इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-2’ को भी पहले ही सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है।

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