नमाज भी नहीं पढ़ते जेहादी

 विशेष संवाददाता

इस्लामी जिंदगी जीने की ख्वाहिश लेकर इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) में शामिल होने अफगानिस्तान पहुंचे केरल के युवाओं ने जब जेहादियों को नमाज़ भी पढ़ते नहीं देखा, तो उनका इस आतंकी संगठन से मोहभंग हो गया है और अब वे स्वदेश लौटना चाहते हैं। इस बीच लव जेहाद की शिकार होकर आईएसआईएस में शामिल होने अफगानिस्तान पहुंची निमिषा उर्फ फातिमा और उसकी मां ने भी स्वदेश लौटने में मदद करने के लिए भारत सरकार से गुहार लगायी है।

जेहादियों की हरकतों से निराश राशिद ने की खुदकुशी

इस्लामिक स्टेट की सदस्य आयशा उर्फ सोनिया सेबेस्टियन ने 2016 में केरल छोड़ दिया था और अफगानिस्तान जाकर आईएसआईएस से जुड़ गयी थी। लेकिन अब उसका कहना है कि आईएसआईएस के गढ़ में स्थितियां उसकी उम्मीदों के विपरीत थीं। एक मीडिया समूह द्वारा जारी वीडियो में आयशा ने कहा कि उनके पति अब्दुल राशिद अब्दुल्ला भी आईएसआईएस को लेकर काफी निराश थे, इसलिए उन्होंने खुदकुशी कर ली। आयशा ने कुछ महीने पहले आत्मसमर्पण कर दिया था और फिलहाल वह अन्य महिलाओं के साथ काबुल की एक जेल में बंद है। इन महिलाओं में दो अन्य मलयाली महिलाएं भी शामिल हैं। आयशा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बहुत से लोग जो (आईएसआईएस में शामिल होने) आना चाहते हैं, उनकी भी यही उम्मीदें हैं। मैं उन्हें निर्णय लेने से पहले दो बार सोचने का सुझाव दूंगी।’ उसने कहा कि वह अब आईएसआईएस के साथ जुड़े रहना नहीं चाहती है।

भारत वापस लौटना चाहती है आयशा

आयशा ने कहा, ‘हम अफगानिस्तान यह सोचकर गये थे कि ‘खलीफा’ के हिसाब से इस्लामी जीवन जी सकें। लेकिन जब हम यहां पहुंचे, तो हमने महसूस किया कि लोग नमाज पढ़ने के लिए भी नहीं जा रहे थे।’ आयशा ने कहा कि उसके पति राशिद इन चीजों को देखकर बहुत निराश हुए। राशिद ने इसके बाद ऑडियो मेसेज भेजना बंद कर दिया। (रशीद ने 90 से ज्यादा ऑडियो क्लिप भेजकर आईएस के विभिन्न पहलुओं को केरल के लोगों तक पहुंचाया था।) आयशा ने कहा कि वह केरल वापस लौटना चाहती है और राशिद के माता-पिता के साथ रहना चाहती है।

मैं भी लौटना चाहती हूं भारत: निमिषा

उसी जेल में बंद एक अन्य महिला फातिमा उर्फ निमिषा ने वीडियो में कहा कि वह भी भारत लौटना चाहती है, बशर्ते उसे कैद में न रखा जाए और यातनाएं न दी जाए। उसने कहा, ‘मैं यह नहीं कह सकती कि मैं अफगानिस्तान में रहना चाहती हूं, क्योंकि यह मेरी जगह नहीं है। भारत मेरी जगह है। 

मां ने भी भारत सरकार से लगायी मदद की गुहार

निमिषा की मां बिंदू संपत ने भी विदेश मंत्रालय से महिला को भारत आने में मदद करने और कानून का सामना करने की गुहार लगायी है। उन्होंने कहा, ‘चार सालों बाद मैंने अपनी बेटी की फोटो देखी। मैं केंद्र सरकार से गुजारिश करती हूं कि, वह उसे लौटने में मदद करे। उसे यहां के कानून का सामना करने दें। मुझे उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द कोई कदम उठाएगी।’ उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी के लिए चार साल से प्रार्थना कर रही थीं और अपनी पोती को बेटी की गोद में बैठी देखकर खुश हैं। पेशे से दंत चिकित्सक निमिषा ने जब 2016 में देश छोड़ा था उस समय वह सात महीने की गर्भवती थी। वह तीर्थयात्रा के बहाने देश से चली गयी थी। 

केरल से गये 21 लोगों में से छह पुरुषों की हो चुकी है मौत

निमिषा और आयशा उन 21 सदस्यों के समूह में शामिल थीं, जो आईएसआईएस में शामिल हुआ था। वह भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा निमिषा और दो अन्य महिलाओं सोनिया सेबेस्टियन उर्फ आयशा और राफेला से पूछताछ के एक फुटेज में नजर आयी थीं। माना जाता है कि 21 में से छह पुरुषों की अफगानिस्तान में मौत हो गयी है।

स्ट्रैट न्यूज ग्लोबल के अनुसार अक्तूबर और दिसंबर 2019 के दौरान लगभग 14,000 आईएसआईएस लड़ाकों और उनके परिवार के सदस्यों ने अफगान अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया है। हालांकि केरल पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि, केरल की ये तीन महिलाएं आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल हैं या नहीं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘वीडियो हमारे संज्ञान में अब आया है। हमारे पास इसकी पुष्टि करने का कोई तरीका नहीं है। केवल जांच एजेंसियां इसपर बोल सकती हैं।’

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