भारत में वैश्विक वित्तीय हब और आईटी ज़ोन बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विज़न को गति देने के लिए गुजरात में GIFT सिटी, जिसका पूरा नाम गुजरात इंटरनेशनल फाइनांस टेक सिटी है, को स्थापित की गयी है। यह भारत की पहली ऑपरेशनल स्मार्ट सिटी भी है। यह यह अवधारणा मोदी जी की ही है। गुजरात के बतौर मुख्य मंत्री मुख्यमंत्री मोदी जी ने वर्ष 2007 में इसका शिलान्यास किया था ।वैश्विक वित्तीय प्रवाहों के बीच वित्तीय बाजार के विकास के लिए पूंजी निवेश एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो अर्थव्यवस्था को संचालित करता है।

इस विचार के क्रियान्वयन के लिए GIFT सिटी में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) भी कार्यरत है, जो दुनिया भर के निवेशकों के लिए भारत के दरवाजे खोलता है।GIFT-IFSC में प्रमुख ग्लोबल कंपनियों जैसे Google, बैंक ऑफ अमेरिका, मॉर्गन स्टेनली और डीकिन यूनिवर्सिटी जैसे अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों, इंडिगो और एयर इंडिया की एयरक्राफ्ट लीज़िंग एक्टिविटीज़, SGX निफ्टी द्वारा GIFT सिटी के रूप में ट्रेडिंग, इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज IFSC लिमिटेड (IIBX) के आने से कई बिज़नेस और बड़े पैमाने के निवेश आकर्षित हो रहे हैं। गिफ्ट सिटी का भ्रमण सचमुच अद्भुत अनुभव था । 16 किलोमीटर लंबी टनेल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह शहर दुनिया के किसी भी विकसित देश के महानगरों को भी पीछे छोड़ने जा रहा है।महात्मा मंदिर मे राज्य टूरिज्म के प्रिंसिपल सचिव हरित शुक्ला ने मीडिया कर्मियों के समक्ष अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि सरकार पर्यटन के क्षेत्र में कितनी सजग है कि इस पर हमने दो हजार करोड़ का बजट बनाया है जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है। द्वारिका, पावागढ़, सोमनाथ आदि राज्य के मंदिरों को और भी विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है। अम्बा जी मंदिर मे 51 शक्ति पीठों की रेप्लिका का काम प्रगति पर है। देश में धार्मिक पर्यटन की इस क्षेत्र में महती भूमिका क्यों है इसका उदाहरण देते हुए मुख्य सचिव पर्यटन ने बताया कि भाद्रपद की पूर्णिमा पर अम्बा जी में लगने वाले मेले में एक सप्ताह में 54; लाख श्रध्दालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। हमारी सरकार कच्छ के रण को इसतरह से विकसित कर रही है कि पर्यटक वर्ष पर्यन्त पधारें। इलाहाबादी हरीत शुक्ला ने बताया कि गुजरात विदेशी पर्यटकों के मामले में देश में नंबर एक है। यही नही बीते वर्ष गुजरात में 15 करोड़ पर्यटक आए। अमृतसर की बाघा चौकी से प्रेरित होकर गुजरात सरकार बनासकांठा के नजदीक भारत-पाकिस्तान सीमा पर शाम को होने वाले कार्यक्रम के प्रति आकर्षित करने के उद्देश्य से आधुनिक सुविधाएं विकसित कर रही हैं। गांधीनगर के पास 34 एकड़ में फैला महात्मा मंदिर कन्वेन्शन एंड एग्ज़िबिशन सेंटर बड़े पैमाने के कार्यक्रमों, एक्सपो और सम्मेलनों की मेजबानी के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। हर आधुनिक सुविधा से सुसज्जित, यह केंद्र अपने वातानुकूलित हॉल में 15,000 से अधिक लोगों और थिएटर शैली के हॉल में 6,000 लोगों को समायोजित करता है। चार सेमिनार कक्ष, तीन प्रदर्शनी केंद्र, सात सम्मेलन कक्ष और आधुनिक बैठक और सम्मेलन कक्ष भी उपलब्ध हैं। महात्मा मंदिर कन्वेन्शन एंड एग्जिबिशन सेन्टर में वार्षिक तौर पर औसतन 45 कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिसमें औसतन 150,000 मेहमान आते हैं। इस वर्ष महात्मा मंदिर कन्वेशन सेन्टर, पहले से ही 60,000 मेहमानों और 425 कार्यक्रमों की मेजबानी कर चुका है। वहीं दूसरी ओर, लीला में भी 85,000 लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई है और वहाँ 625 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।गुजरात की राजधानी गांधीनगर में स्थित दांडी कुटीर भारत का सबसे बड़ा और एकमात्र अत्याधुनिक संग्रहालय, है जहां महात्मा गांधी के जीवन वृत, उनकी विचारधाराओं उनके दर्शन और स्वराज के प्रति उनकी अवधारण को दर्शाया गया है।महात्मा होने के पहले मोहन दास नेशनल मांराम के आदर्श, शूरवण कुमार की भक्ति और राजा हरिश्चथद्र से सत्य कांग्रेस सबक कैसे लिया इसकोथ्री डी स्वाइड के माध्यम दिखाया गयानमक के सामान्य अधिकार पर गांधी के शक्तिशाली के दर्शन को प्रतिबिम्बितकरने करता है इसको भी अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से दिखाया गया है जो एक बहुलवादी समाज को स्वतंत्रता, पूर्ण स्वराज की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करने का प्रतीक है। दांडी कुटीर 41 मीटर ऊंची शंक्वाकार गुंबद है जो नमक के ढेर का प्रतीक है। यह नमक टीला ब्रिटिश शासन द्वारा लगाए गए नमक कर के खिलाफ 1930 के गांधीजी के प्रसिद्ध दांडी मार्च का प्रतिनिधित्व करता है। हमारी मीडिया टीम ने 3डी मैपिंग, होलोग्राफी, 360-डिग्री प्रोजेक्शन और पारदर्शी एलईडी स्क्रीन जैसी प्रौद्योगिकियों के माध्यम से प्रदर्शित गांधी के जीवन पर और भी अधिक नाटकीय जीवनी से साक्षात्कार कराया।